इस साल मानसून सीजन में देश के एक तिहाई हिस्से में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। हालांकि कुछ क्षेत्रों में बारिश सामान्य से 28 फीसदी तक कम रही है। उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र में मानसून का असर अब खत्म हो गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार देश के 53 फीसदी हिस्से में एक जून से 18 सितंबर के बीच सामान्य बारिश हुई। जबकि कुछ क्षेत्रों में औसत से कम बारिश हुई। कुछ...
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झारखंड में सुखाड़!
राज्य में सूखे के हालात हैं. बारिश नहीं हो रही है. स्थिति खराब होती जा रही है. फिलहाल सिर्फ 32 फीसदी ही रोपा हुआ है. ऐसे में सरकार चुप है. स्थिति पर पैनी नजर रखनेवाले कृषि विभाग में अलग से कोई मंत्री ही नहीं है. फिलहाल मुख्यमंत्री ही कृषि मामलों को देख रहे हैं. राज्य को सूखाग्रस्त घोषित होने की स्थिति में विभागीय स्तर पर कई अहम निर्णय लेने होंगे....
More »हर जिले में नहीं होती है मिट्टी की जांच
राज्य की 80 प्रतिशत जनता गांवों में रहती है और उसमें भी 80 प्रतिशत लोग सीधे तौर पर खेती से जुड़े हैं. खेती ही ऐसे लोगों की जीविका का मूल आधार है. इसके बाद भी खेती के विकास को लेकर हमारा सरकारी महकमा गंभीर नहीं है. कृषि में उत्पादकता बढ़ाने के लिए द्वितीय हरित क्रांति, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय बागवानी मिशन आदि कई केंद्र प्रायोजित योजनाओं...
More »मिड डे मील की रसोई अब सौर ऊर्जा से चलेगी- पंकज कुमार पांडेय
नई दिल्ली। केंद्र सरकार चुनावी मौसम में एससी-एसटी और अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के निजी स्कूलों में मिड डे मील का विस्तार करने जा रही है। सरकार ने इसके लिए व्यय वित्त समिति, ईएफसी की मंजूरी के लिए नोट तैयार करके विभिन्न मंत्रालयों को भेजा है। वहीं महंगे होते गैस सिलेंडर से तौबा करके सौर ऊर्जा का उपयोग कर खाना पकाने की तैयारी योजना के तहत की जा रही है। मानव संसाधन...
More »उत्तराखंड की चेतावनी- अपूर्व जोशी
जनसत्ता 26 जून, 2013: उत्तराखंड में आई भारी विपदा पर लिखने बैठा, तो एकाएक बाबा नागार्जुन याद आ गए, अपनी एक कविता के जरिए- ताड़ का तिल है/ तिल का ताड़ है/ पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है/ किसकी है जनवरी/ किसका अगस्त है/ कौन यहां सुखी है/ कौन यहां मस्त है/ सेठ ही सुखी है। सेठ ही मस्त है/ मंत्री ही सुखी है/ मंत्री ही मस्त है/...
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