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दर्द न कोई सुननेवाला है और न समझनेवाला ।। संजय मिश्र की प्रस्तुति।।

लोकल गवर्नेस में कैसे सुधार हो सकता है, इस सवाल को लेकर हम एक एसडीओ से रू-ब-रू थे. उन्होंने अपने हिसाब से सुधार के उपाय बताये. उनकी व्यथा थी कि चीजों को सही तरीके से नहीं देखा जा रहा. प्रस्तुत है दूसरी किस्त. हमारी मुलाकात बहुत ही दिलचस्प एसडीओ से हो रही थी. बातचीत के लिए एसडीओ ने अपने आवास पर ही बुला रखा था. इस मुलाकात से पहले हमने पूरा होमवर्क भी किया था. सुबह...

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तीन साल में निपटाए जाएंगे 15 साल के विवाद

धनबाद : 15 साल पुराने लंबित कानूनी विवादों का तीन साल में निपटारा करने के लिए कवायद तेज कर दी गयी है। बुधवार को समाहरणालय में स्टेट लिटिगेशन पालिसी डिस्ट्रिक्ट इम्पावर कमेटी की बैठक अपर समाहर्ता विनय कुमार राय की अध्यक्षता में हुई। इसमें उपस्थित तमाम विभागों के प्रमुख को स्टेट लिटिगेशन पालिसी की जानकारी दी गयी। लंबित कानूनी मामलों का निपटारा करने के लिए राज्य सरकार ने स्टेट लिटिगेशन पालिसी तैयार...

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ब्रह्मेश्वर मुखिया के बाद अब इंदुभूषण को राष्ट्रवादी किसान संगठन की कमान

पटना.प्रतिबंधित रणवीर सेना के संस्थापक ब्रह्मेश्वर सिंह मुखिया के छोटे पुत्र इंदुभूषण को राष्ट्रवादी किसान संगठन का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। भोजपुर जिले के खोपीरा गांव में बुधवार को मुखिया के श्राद्धकर्म के बाद देर शाम संगठन के नए अध्यक्ष के रूप में इंदुभूषण के नाम की घोषणा की गई। अध्यक्ष चुने जाने पर उन्होंने कहा कि वह इस जिम्मेदारी पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। उन्होंने धन, धर्म...

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सीखिये रिक्शाचालक बलराम से- उमेश यादव

बलराम जब 17 साल का था तब उसे अपना घर-परिवार छोड़कर कोलकाता जाना पड़ा. पढ़ने-लिखने के उम्र में उसे परिवार चलाने के लिए काम में लगा दिया गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उसके परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी. साल भर खाने के लिए अन्न नहीं जुटता था. ऐसी बात नहीं थी कि उसके घर में खेतीबारी नहीं थी. पिताजी लघु कृषक थे. आधी से ज्यादा जमीन बंजर थी. जो...

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सीखिये रिक्शाचालक बलराम से- उमेश यादव

बलराम जब 17 साल का था तब उसे अपना घर-परिवार छोड़कर कोलकाता जाना पड़ा. पढ़ने-लिखने के उम्र में उसे परिवार चलाने के लिए काम में लगा दिया गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उसके परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी. साल भर खाने के लिए अन्न नहीं जुटता था. ऐसी बात नहीं थी कि उसके घर में खेतीबारी नहीं थी. पिताजी लघु कृषक थे. आधी से ज्यादा जमीन बंजर थी. जो...

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