झारखंड का जनजातीय समाज एक स्वाभिमानी समाज है. पीढ़ियों से समाज ने अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़कर अपनी पहचान को अक्षुण्ण रखा है. प्रकृति ने उन्हें लड़ने की क्षमता दी है. साथ ही प्रकृति के साथ सामंजस्य कर जीवन बसर करने के अलौकिक गुण भी दिये हैं. सांस्कृतिक दृष्टि से समाज काफी धनी है. जनजातीय समाज अपनी दुनिया में जीता है एवं दूसरे समाज को अपने में समाविष्ट...
More »SEARCH RESULT
दूध महासंकट का ऐसे निकाला समाधान, मिड डे मील में मिलेगा 200 ml दूध
रायपुर। राज्य के 35 लाख स्कूली छात्रों को मध्यान भोजन के साथ दूध मिलेगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने छत्तीसगढ़ सहकारी दुग्ध महासंघ मर्यादित के प्रस्ताव पर दूध वितरण का प्रस्ताव तैयार किया है, जो शासन को भेजा जा रहा है। यह महासंघ के लिए राहत की खबर है, क्योंकि यह न सिर्फ वित्तीय संकट और घाटे में गुजर रहा है, बल्कि हजारों लीटर दूध भी नहीं बेच पा रहा है।...
More »असम के आकाश पर नई आशंकाएं-- रविशंकर रवि
एक लंबी और जटिल प्रक्रिया से गुजरते हुए उच्चतम न्यायालय की देख-रेख में असम के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजी के अद्यतन का काम पूरा हो गया है और सोमवार को इसकी अंतिम मसौदा सूची प्रकाशित की गई। इसे असम के लिए ऐतिहासिक दिन बताया जा रहा है। करीब 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन दिया था, जिनमें से 2.89 करोड़ लोगों के नागरिकता प्रमाण दस्तावेज वैध पाए गए। यानी करीब 40...
More »आदिवासी अधिकार के नाम पर- शशिशेखर
जिस समय कश्मीर का अलगाववाद पूरे देश में चिंता का विषय बना हुआ है, ठीक उसी समय झारखंड के कुरूंगा गांव में एक दूसरा दृश्य दिख रहा है। वहां एक शिलालेख पर लिखा है- ‘भारत में गैर आदिवासी दिकु, विदेशी केंद्र सरकार को शासन चलाने और रहने का लीज एग्रीमेंट 1969 ई. में ही समाप्त हो गया है।' ‘वोटर कार्ड (मतदान पहचान पत्र) और आधार कार्ड (आम आदमी का अधिकार कार्ड) आदिवासी...
More »चुनौतियों से जूझता मीडिया-- आशुतोष चतुर्वेदी
मीडिया के खिलाफ एकतरफा फैसला सुनाने वाले आपको बहुत से लोग मिल जायेंगे. मीडिया पर टीका-टिप्पणी करना एक फैशन-सा हो गया है, लेकिन हम सब के लिए यह जानना जरूरी है कि मीडियाकर्मी कितनी कठिन परिस्थितियों में अपने काम को अंजाम देते हैं. पिछले दिनों एक व्हाट्सएप मैसेज वायरल हुआ- पहले अखबार छप के बिका करते थे, अब बिक के छपा करते हैं. इस संदेश...
More »