शुरुआती प्रगति से उत्साहित केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत आगामी 26 जनवरी तक खाते खोलने का लक्ष्य 7.5 करोड़ से बढ़ा कर 10 करोड़ कर दिया है। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि यह देश के हर परिवार में कम से कम एक खाता खोलने जैसा होगा। ताजा आंकड़ों के अनुसार इस प्रमुख वित्तीय समावेश योजना के तहत करीब आठ करोड़ खाते खोले जा चुके...
More »SEARCH RESULT
कितने जानवरों को टीके लगे, विभाग को पता नहीं
पटना: पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एएससीएडी या ऐसकैड (पशु में बीमारियों के नियंत्रण के लिए राज्यों को सहायता) प्रोग्राम के तहत बड़ी मुहिम चलाने की योजना है. इसमें पशु टीकाकरण के अलावा पशु अस्पतालों का निर्माण, कर्मचारियों का प्रशिक्षण समेत कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य कराने हैं. पशुओं को एचएसबीक्यू (लंगड़ी और गलाघोंटू), एफएमडी (खुरहा व मुंह पका) और पीपीआर (खासतौर से बकरियों में होनेवाली जानलेवा बीमारी) जैसे...
More »रकम मिलने का लालच देकर बैगा महिला की कर दी नसबंदी!
बिलासपुर (निप्र)। परिवार नियोजन के लक्ष्य को पाने के लिए स्वास्थ्य व मैदानी अमला किस तरह के खेल खेलते हैं, इसका सनसनीखेज खुलासा गौरेला के शिविर में ले जाकर बैगा आदिवासी महिलाओं की कराई गई नसबंदी से हो गया है। ग्लूकोज की बॉटल चढ़ाने पर सरकार की ओर से रकम मिलने का झांसा देकर मितानिन एक बैगा महिला को शिविर ले गई और उसकी नसबंदी करा दी। अब वह सिम्स...
More »2 से 2.5 लाख रुपए में सरकारी मेडिकल स्टोर खोलने का मौका, देशभर में खुलेंगे 3000 स्टोर
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जनऔषधि योजना के तहत देश भर में जेनरिक दवाओं के तीन हजार से ज्यादा स्टोर खोलने की योजना बनाई है। जिनके जरिए कई गुना सस्ती नॉन ब्रांडेड दवाओं की बिक्री को बढ़़ावा दिया जाएगा। योजना के तहत सरकार जनऔषधि स्टोर को जेनरिक दवाओं की आपूर्ति सरकार करती है, जिनकी बिक्री पर 16 फीसदी कमीशन दिया जाता है। इसके अलावा स्टोर शुरू करने के लिए सरकार...
More »श्रीनगर क्यों न हो पहली स्मार्ट सिटी- शंकर अय्यर
'अगर फिरदौस बरोए जमीन अस्त, हमी अस्तो, हमी अस्तो हमी अस्त।' कश्मीर को धरती का स्वर्ग बताते हुए महान शायर अमीर खुसरो ने कभी यह पंक्तियां कही थीं। मगर 2014 में भीषण बाढ़ की त्रासदी से अब तक न उबर सके कश्मीर की हालत कुछ और ही कहानी बयां करती है। सर्दियों के दस्तक देने के साथ यहां के बेघरबार, विद्यार्थी, छोटे व्यापारी और दूसरे तमाम लोग जिस तरह अपने अस्तित्व...
More »