हमारे उपमहाद्वीप में दुनिया के लगभग 19 फीसदी बच्चे रहते हैं। देश की आबादी के एक-तिहाई से ज्यादा हिस्से की, करीब 44 करोड़ लोगों की उम्र 18 वर्ष से नीचे है। केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय के अध्ययन के मुताबिक इस आबादी में से 40 फीसदी को देखभाल और संरक्षण की जरूरत है। इससे पता चलता है कि देश में बच्चों को किस हद तक शारीरिक दुर्व्यवहार का सामना...
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कैंप लगे, फिर भी हाइ व प्लस टू स्कूलों में पद खाली
पटना : सूबे के हाइस्कूलों व प्लस टू स्कूलों में सेवानिवृत्त शिक्षकों की बहाली होगी. इसके लिए उन्हें न तो एसटीइटी पास होने की अनिवार्यता होगी और न ही बीएड की डिग्री. जो शिक्षक स्कूलों से रिटायर कर चुके हैं, उन्हें इसमें मौका मिलेगा. सेवानिवृत्त शिक्षकों की बहाली सूबे के राजकीय, राजकीयकृत, अल्पसंख्यक व प्रोजेक्ट विद्यालयों के खाली पड़े स्वीकृत पदों पर होगी. शिक्षा विभाग इसके लिए अंतिम रूप से...
More »खस्ताहाल स्कूली शिक्षा से संकट में छात्रों का भविष्य
इंदौर के पास स्थित देपालपुर में स्कूली शिक्षा के नाम पर सरकारी खानापूर्ति सामने आई है। इस विकासखंड में ऐसे कई स्कूल हैं, जो एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। यह खबर एक तरह से पूरे देश की निराशाजनक तस्वीर पेश करती है। 12 लाख शिक्षकों की कमी है देशभर में 50 प्रतिशत स्कूलों साफ पीने की सुविधा नहीं ...
More »गांव के सरकारी भवनों में भी लगेगा वाटर हार्वेस्टिंग
कोरबा (निप्र)। भूमिगत जल स्त्रोतों के घटते लेवल को संतुलित करने शुरू किए गए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के चलन की तैयारी अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी की जाने लगी है। सरकारी भवनों, नगर निगम क्षेत्र के निजी मकानों व आवासीय परियोजनाओं में इसकी अनिवार्यता पहले से ही लागू है। अब वाटर हार्वेस्टिंग पिटों का बड़े पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्र के भवनों में निर्माण कराए जाने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने...
More »इंदौर जिले के देपालपुर में एक शिक्षक के भरोसे कई सरकारी स्कूल
इंदौर। प्रदेश सरकार हर बच्चे को स्कूल तक लाने के लिए अभियान चलाती है और करोड़ों रुपए का फंड खर्च करती है। मगर जिले के गिरोता गांव में खुला शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल शिक्षा के प्रति सरकार की गंभीरता की पोल खोल देता है। यहां हाल ही में हायर सेकंडरी स्कूल तो खोल दिया गया,लेकिन स्टाफ भेजना ही भूल गए। स्कूल एक उच्च श्रेणी शिक्षक के भरोसे चल रहा है।...
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