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कोरोना के इस वैश्विक संकट के समय आज गांधी होते, तो क्या करते?

-लल्लनटॉप, आज का वैश्विक संकट तिहरा है. कोविड महामारी, गहन व्यापक आर्थिक मंदी और मानव अस्तित्व को खतरे में डालने वाला पर्यावरण परिवर्तन. इन सबके अलावा, ऐसी परिस्थिति में राह दिखाने वाले राजनीतिक और नैतिक नेतृत्व का दुनियाभर में अभाव है. इसलिए उत्तर तो कहीं और ही ढूंढ़ना पड़ेगा! महात्मा गांधी के सामने यह चुनौती खड़ी होती, तो उन्होंने क्या किया होता? इसका जवाब कहां खोजा जाए? यह तो वे खुद...

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किसानों से ज्यादा निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाले मोदी सरकार के हालिया कृषि अध्यादेश

-कारवां, उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के टोला गांव के रामसेवक चार बीघे के किसान हैं. हाल ही में नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर किए गए खेती से संबंधित पुराने कानून में संशोधन और दो नए कानूनों का जिक्र करते हुए वह कहते हैं, "हम कानून-आनून नईं जानत, जो कछू जानत हैं, वो इत्तो कि हमाये खेत, हमाई मेहनत, हम का बोएं, का पैदा करें, कोऊ दूसरो कैसे बता सकत!" ठेका...

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एक नजर जलवायु परिवर्तन पर

-इंडिया वाटर पोर्टल, प्रायः ऋतुओं के समय में विचित्र एवं असम्भावित परिवर्तन होते रहते हैं जिससे ऋतुओं का प्रारम्भ अपने निर्धारित क्रमानुसार नहीं होता, जैसा कि होना चाहिए। निर्धारित समय से पूर्व वर्षा ऋतु का आगमन या अभूतपूर्व शीतलहरी आदि अप्रत्याशित घटनाओं को देखकर वैज्ञानिकों का ध्यान ऋतु विपर्यय की ओर गया है। देश-विदेश के विशेषज्ञ अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर इस समस्या के अध्ययन में लगे हुए हैं। वे इसे जलवायु परिवर्तन...

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फैक्ट चैक : कोरोनावायरस लॉकडाउन में मोदी सरकार के दस बड़े झूठ

-कारवां, 24 मार्च को जब केंद्र सरकार ने नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की तो सरकार के प्रतिनिधियों और मंत्रियों ने अपनी राजनीति को सही ठहराने और आलोचना से पल्ला छुड़ाने के लिए जनता के बीच लगातार आधी-अधूरी और झूठी बातें प्रचारित की. अधिकारियों ने जो दावे किए उनमें से कई जमीनी रिपोर्टों से मेल नहीं खाते. देश के कई हिस्सों में भूख और भुखमरी...

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पीएम केयर्स फंड अपनी सुविधा से पब्लिक अथॉरिटी हो जाता है और अपनी सुविधा से ही पब्लिक ट्रस्ट

-सत्याग्रह, बीती 13 जून को खबर आई कि पीएम केयर्स फंड के ऑडिटर का फैसला हो गया है. इन खबरों का स्रोत इस फंड की वेबसाइट ही थी. इस पर दर्ज एक प्रश्नावली में जानकारी दी गई थी कि पीएम केयर्स फंड को एक स्वतंत्र ऑडिटर द्वारा ऑडिट किया जा रहा है और यह जिम्मा दिल्ली की एक सीए फर्म सार्क एंड एसोसिएट्स को सौंपा गया है. इसी प्रश्नावली में एक...

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