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बेरोजगारी दूर करने का दमखम है कृषि में

दैनिक ट्रिब्यून, 03 अप्रैल  कोरोना महामारी के दौरान जिस तरह देश ने प्रवासी मजदूरों का घर-वापसी पलायन देखा, उसके बाद आई आवधिक श्रमिक बल सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि खेत मजदूरों की संख्या में 3 फीसदी का इजाफा हुआ है, यह गिनती वर्ष 2018-19 में 42.5 प्रतिशत से बढ़कर 2021-22 में 45.5 फीसदी हो गई। जिस कृषि क्षेत्र को इन तमाम सालों में जान-बूझकर दीन-हीन बनाकर रखा गया है, वह...

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गन्ना फसल में पानी की खपत भारत के इथेनॉल लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ी चुनौती

29 मार्च, मोंगाबे हिंदी पिछले साल 2 नवंबर को, केंद्र ने अपने इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम (ईबीपी) के तहत 1 दिसंबर, 2022 से 31 अक्टूबर, 2023 तक विभिन्न गन्ना-आधारित कच्चे माल से प्राप्त इथेनॉल के लिए नई उच्च कीमतों को मंजूरी दी थी। यह इथेनॉल आपूर्ति वर्ष मौजूदा चीनी सीजन के साथ मेल खाता है। केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने इस उच्च कीमत को मंजूरी देते हुए अपनी...

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आपदाओं से जूझ रहे हिमालय में तापमान बढ़ने से बिगड़ेंगे हालात, आईपीसीसी की चेतावनी

द थर्ड पोल , 27 मार्च दुनिया के बड़े जलवायु वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट का आख़िरी भाग, आईपीसीसी सिंथेसिस रिपोर्ट, जारी कर दिया है। इसमें क्लाइमेट क्राइसिस यानी जलवायु संकट को लेकर “फाइनल वार्निंग” है। हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि अगर पहाड़ और हिमनद यानी ग्लेशियर और ज़्यादा गर्म होते...

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“जब मैं कोई बीज संरक्षित करता हूं, तो यह एक मरती हुई संस्कृति को बचाता है”

 इंडियास्पेंड, 27 मार्च लगभग तीन दशकों से पारिस्थितिकीविद् और कृषि-संरक्षक देबल देब देशी चावल की किस्मों व बीजों का संरक्षण और उसे साझा कर रहे हैं। कई किस्में, जिन्हें उन्होंने वर्षों से बचाया है, वे गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं। वे केवल कुछ ही जगहों पर उगाई जाती हैं। देब ने बताया, "मैंने ओडिशा के कोरापुट जिले में ऐसे 35 और नागालैंड में लगभग 15 देशी और लुप्तप्राय किस्म के बीजों को...

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मनरेगा के लिए मांगे थे 98 हजार करोड़, मिले मात्र 60 हजार करोड़

डाउन टू अर्थ, 23 मार्च  महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार अधिनियम (मनरेगा) योजना के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वर्ष 2023-24 के बजट के लिए 98 हजार करोड़ रुपए की मांग की थी, लेकिन वित्त मंत्रालय ने इसमें लगभग 38 प्रतिशत की कटौती कर दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट 2023-24 के लिए मनरेगा का अनुमानित बजट 60 हजार करोड़ रुपए रखा है। संसद की ग्रामीण...

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