नई दिल्ली। खाद्य पदार्थो की महंगाई का असर अब विनिर्मित उत्पादों में भी दिखने लगा है। खाद्यान्नों और कुछ विनिर्मित उत्पादों के दाम बढ़ने से सकल उपभोक्ता वस्तुओं के थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मई में दहाई अंक के आंकडे़ पर छलांग लगाती हुई 10.16 प्रतिशत हो गई। इससे पहले अप्रैल में मुद्रास्फीति 9.59 प्रतिशत थी। मई के आंकडे़ आने के साथ ही मार्च के मुद्रास्फीति के आंकड़ों को...
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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं 19 खरब रुपये
नई दिल्ली। विश्व बैंक का कहना है कि विकासशील देशों में हर साल 40 अरब डालर [19 खरब रुपये] की रकम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है। विश्व बैंक एक अधिकारी एवं चुराई गई संपत्ति की वसूली के लिए पहल [स्टार] के समन्वयक एड्रियन फोजार्ड ने बताया, 'विकासशील देशों में प्रत्येक साल 20-40 अरब डालर की रकम चुराई जाती है। पिछले 15 सालों में इनमें से मात्र 5 अरब...
More »बाप के होते भी बेसहारा बच्चे
मुजफ्फरपुर [जाटी]। उत्तर बिहार में बाल श्रमिक उन्मूलन के लिए हवा में ही तलवारबाजियां हो रही हैं। रोज नए-नए दावे किए जाते हैं, लेकिन यहां के हर जिले में उन बच्चों की बड़ी तादाद है, जो बाप के होते भी बेसहारा हैं और बाल मजदूरी करने को विवश हैं। उन्मूलन के लिए सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर हो रहे प्रयासों का कोई सार्थक नतीजा नहीं निकल पा रहा है। ...
More »मातृत्व पर गहराता संकट
नई दिल्ली [अरविंद जयतिलक]। बेशक देश में महिलाएं सफलता का इतिहास रच रही हैं। अपने बुलंद हौसले से उन कार्यो को भी अंजाम तक पहुंचा रही हैं, जो सदियों से उनके लिए असंभव बताया जाता रहा है। बात चाहे देश में सरकार को नेतृत्व देने का हो अथवा सेवा क्षेत्र में मिसाल कायम करने की, आज वह हर कहीं पुरुषों से कंधा मिला रही हैं, लेकिन इन सबके बावजूद दुखद स्थिति यह है कि बुनियादी स्वास्थ्य...
More »बढ़ती गरीबी का सबब-- देविंदर शर्मा
अर्थव्यवस्था के विकास में कुछ भयावह गड़बड़ी है. भारत आर्थिक उदारीकरण के 18 साल बाद बेहतर स्थिति में नजर आ रहा है, लेकिन ऊंचे विकास के बल पर गरीबी हटाने और भुखमरी मिटाने के वायदे पूरे नहीं हो पाए हैं. वास्तव में, गरीबी और विषमता घटने के बजाय और बढ़ गई है. आर्थिक विकास जितना बढ़ रहा है उतनी ही गरीबी भी बढ़ रही है. गरीब प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के...
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