SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1513

ग्रामीणों ने श्रमदान से बनाया बांध

रायपुर. समूह में शक्ति होती है यह बात साबित कर वनांचल ग्राम बासीन के ग्रामीणों ने, जिन्होंने ताबड़तोड़ सपरिवार श्रमदान करके बांध बना डाला। आज यही बांध उनके निस्तारी के काम भी आ रहा है सब्जी की बाड़ियों को सींच भी रहा है। जिला मुख्यालय कोरबा से लगभग 50 किमी दूर स्थित है बासीन। गांव के किनारे दवन नाला बहता है। यहां के 23 राठिया परिवारों ने वर्ष 2006 में इस नाले को बांधना शुरू किया। तीन...

More »

जीडीपी वृद्धि दर 8.5 फीसदी रहेगी: प्रणव

नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद [जीडीपी] की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रहेगी। हालांकि, साथ ही उन्होंने देश के कृषि क्षेत्र पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जीडीपी की ऊंची दर को कायम रखने के लिए जरूरी है कि कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर सालाना चार प्रतिशत की रहे। वित्त मंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि इस बात...

More »

अब हक के लिए आर-पार की लड़ाई

शिमला। हिमाचल सरकार केंद्र से राज्य के हितों की अनदेखी के बाद अब अपने हकों को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में है। राज्य ने चेताया है कि अगर हिमाचल प्रदेश के पौंग बांध विस्थापितों को राजस्थान में जमीन देने में लेटलतीफी की तो वहां के अधिकारियों को भी कोर्ट में घसीटा जाएगा। 50 साल के लंबे समय में भी जो मसले विस्थापितों के नहीं सुलझे हैं, उन पर भी हिमाचल, राजस्थान सरकार से...

More »

गांवों को रौशन करने में फिसड्डी साबित हो रहे उप्र-बिहार

नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। राजनीतिक लिहाज से देश के दो सबसे महत्वपूर्ण राज्यों- उत्तर प्रदेश और बिहार में अपने पैर जमाने की कोशिश में जुटी कांग्रेस को इन दोनों राज्यों की गैर-कांग्रेसी सरकारों पर हमला बोलने का एक अच्छा मौका मिलने वाला है। देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने की केंद्र की योजना के रास्ते में उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार और बिहार की नीतीश कुमार सरकार सबसे बड़ी बाधा के तौर पर सामने आई...

More »

एहू साल अंगना में नाव चली बबुआ

मुजफ्फरपुर [जाटी]। एहू साल अंगना में नाव चली बबुआ, खेत पथार डूबी, जानो बची कि ना, भगवाने मालिक बारन। यह दर्द है गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला, कोसी, भुतही और अधवारा समूह की नदियों के किनारे बसे उन सैकड़ों गांवों के हजारों ग्रामीणों का, जिनके बचाव के लिए कभी कुछ नहीं किया गया। इस बार भी वे खुद को लावारिस ही पा रहे हैं। वैशाख में ही जेठ की तपती गरमी के बावजूद लोग संभावित बाढ़...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close