कोहिमा: नगालैंड में अवैध तरीके से किए जा रहे खनन के दौरान खदान धंसने से चार मजदूरों की मौत हो गई है. यह घटना शनिवार को लॉगलेंग जिले के योंग्लोक गांव के एक अवैध कोयले खदान में घटी, जिसे राज्य सरकार के आदेश के बाद बंद कर दिया गया था. पुलिस ने सोमवार को बताया कि यह हादसा शनिवार को उस समय हुआ जब पीड़ित अपना सामान लेने खदान के अंदर...
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झारखंड में अडाणी पावर की 14,000 करोड़ रुपये की सेज़ परियोजना को मंज़ूरी
नई दिल्ली: सरकार ने झारखंड में अडाणी पावर की 14,000 करोड़ रुपये की विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) परियोजना को मंजूरी दे दी है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. इस परियोजना में बनने वाली पूरी बिजली बांग्लादेश को निर्यात की जाएगी. अधिकारी ने बताया कि वाणिज्य सचिव की अध्यक्षता वाले मंजूरी बोर्ड ने इस परियोजना को स्वीकृति दी है. यह मंजूरी बोर्ड सेज पर फैसला लेने वाला शीर्ष निकाय है. अडाणी पावर...
More »देश में आदिवासियों की बस्तियां उजाड़ने की मानसिकता पर कब लगाम लगेगी?
एक तरफ विकास के नाम पर मैदानी इलाकों के जंगल खेत में बदलते गए, सड़क, बांध, और रेल लाइन बिछती गई. इसके लिए आदिवासी इलाकों से बेतहाशा संसाधन भी छीने जाते रहे. पिछली दो सदी से चली आ रही विकास की इस सोच ने पानी, हवा सबको मानव जीवन के लिए नुकसानदायक हद तक दूषित कर दिया. दूसरी तरफ, इसकी भरपाई के लिए पर्यावरण के नाम में आदिवासियों की बस्तियां, घर...
More »सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 10 नहीं, करीब 20 लाख आदिवासी हो सकते हैं ज़मीन से बेदखल
नई दिल्ली: बीते बुधवार को यह रिपोर्ट किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट करीब10 लाख से अधिक आदिवासियों और वनवासियों को वन भूमि से बेदखल करने का आदेश दिया है. शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार, जिन परिवारों के वनभूमि के दावों को खारिज कर दिया गया था, उन्हें राज्यों द्वारा इस मामले की अगली सुनवाई से पहले बेदखल किया जाना है. हालांकि कोर्ट के आदेश की वजह से लगभग 20 लाख...
More »संकट के दोराहे पर हैं आदिवासी-- गिरिधारी राम गौंझू ‘गिरिराज
सर्वोच्च न्यायालय ने जंगलों में रहने वाले ऐसे आदिवासियों और वनवासियों को निकालने के लिए कहा है, जिनका वनभूमि पर दावा नहीं बनता। जाहिर है, इस आदेश के बाद झारखंड और बिहार समेत तमाम राज्यों के जंगलों में रहने वाले आदिवासियों और वनवासियों के समक्ष बड़ा संकट खड़ा हो गया है। जंगल को ही अपना सब कुछ मानने वाले ये आदिवासी वहां से बेदखल होने के बाद कहां जाएंगे? अगर हम...
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