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सात दशक के बाद-- रघु ठाकुर

स्वतंत्रता और स्वाधीनता का क्या अर्थ है? स्वतंत्रता एक व्यवस्थागत आजादी का बोध कराती है। मसलन, स्वतंत्र यानी हमारे देश का अपना प्रशासन, अपनी शासन-प्रशासन प्रणाली। पर स्वाधीनता उससे कुछ ज्यादा व्यापक अर्थ देती है, जिसमें किसी भी प्रकार की अधीनता न हो। एक देश के रूप में हम अपने ही अधीन हों- एक नागरिक के रूप में, हम अपनी अंतरात्मा के अधीन हैं। अब प्रश्न यह है कि आज...

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आजादी : सपना और हकीकत-- रविभूषण

राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन की परिणति 'सत्ता के हस्तांतरण' में हो जायेगी, यह उन स्वाधीनता सेनानियों ने कभी नहीं सोचा था, जिनके लिए आजादी का अर्थ पूरी आजादी से था. आजादी की लड़ाई में एक साथ कई धाराएं सक्रिय थीं. केवल कांग्रेस ने आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी थी.  राष्ट्रीय स्वाधीनता-संघर्ष का इतिहास कांग्रेस का इतिहास नहीं है. 'स्वराज' के स्वरूप को लेकर उस दौर में सभी एकमत नहीं थे. आजादी...

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टैक्स से आजादी, हुई बरबादी-- अनिल रघुराज

संधिकाल की बेला है, न जाने कितनी लंबी खिंचेगी. यह नखलिस्तानों की तलाश नहीं, मरीचिकाओं में भटकने का दौर है. हकीकत कुछ और, मगर बताया जाता है कुछ और. हर टैक्स मूलतः जनता से धन छीन कर सत्ता की तिजोरी भरता है.  सरकार अगर जनोन्मुखी न हो, तो जनता का इससे प्रत्यक्ष रूप से कोई भला नहीं होता, खासकर तब, जब उसे उसकी आय या मुनाफे पर नहीं, बल्कि वस्तुओं...

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ऊना में दलितों ने मैला न उठाने का लिया संकल्प, रेल रोकने की दी चेतावनी

ऊना (गुजरात) : गुजरात के ऊना में हजारों दलितों ने मृत गायों को नहीं हटाने का संकल्प लिया. साथ ही कहा कि अगर एक महीने के भीतर गुजरात सरकार प्रत्येक परिवार को पांच एकड़ जमीन देने की उनकी मांग को पूरा नहीं करती है तो विशाल रेल रोको आंदोलन शुरू किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक इन सबके बीच हमले की ताजा घटना के बाद फिर से तनाव व्याप्त हो गया....

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MP के संजय पाठक देश के पांचवें सबसे अमीर मंत्री, कर्जदारों में नंबर 2

हरेकृष्ण दुबोलिया, भोपाल। प्रदेश सरकार में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग राज्यमंत्री संजय पाठक देश के अमीर मंत्रियों की फेहरिस्त में पांचवें नंबर पर हैं। उनकी कुल संपत्ति 141 करोड़ रुपए से अधिक (1 अरब, 41 करोड़, 51 लाख, 97 हजार 527 रुपए) है। इसमें 83 करोड़ चल और 58 करोड़ की अचल संपत्ति है। चौंकाने वाली बात ये भी है कि वे देश के दूसरे सबसे बड़े कर्जदार मंत्री भी...

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