नई दिल्ली। देश के शैक्षणिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में एक हजार अतरिक्त माडल स्कूल स्थापित किए जाएंगे, जो बेहतर शिक्षा प्रदान करने का काम करेंगे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने शुक्रवार को सरकारी क्षेत्र में एक हजार अतिरिक्त माडल स्कूलों की स्थापना को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही सरकारी क्षेत्र में स्थापित होने वाले माडल स्कूलों की संख्या 3500 हो जाएगी। इसके अतिरिक्त 2500 अन्य...
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अपने ही सर्वेक्षण में उलझा खाद्य आपूर्ति विभाग
पटना पंचायतवार बीपीएल, अंत्योदय परिवार को अनाज और एपीएल परिवारों को दिये जानेवाले केरोसिन कूपन के लिए हुए सर्वेक्षण के आंकड़े विवादित हो गये हैं। जिला आपूर्ति पदाधिकारियों से विभाग ने बार कोडेड कूपन की छपाई के लिए यह आंकड़ा मांगा था। मालूम हो कि अब तक ग्रामीण विकास विभाग द्वारा उपलब्ध संख्या के आधार पर ही बीपीएल,अंत्योदय परिवारों के लिए कूपन की छपाई होती रही है। जिलों से आए विभागीय आंकड़े और ग्रामीण विकास विभाग...
More »व्यर्थ सभी प्रयास, कैसे बुझे प्यास
आगरा। बचपन में पढ़ी कहानी में कौए का जतन कर प्यास बुझाना तब परिश्रम का रोचक सबक था तो आज लाखों परिवारों की मजबूरी। ज्यों-ज्यों आबादी बढ़ी त्यों-त्यों घटे जल संसाधन। आज स्थिति विकराल हो गई। कहानी के हीरों की तरह पानी के लिए भटकने से दिन की शुरुआत करने को बाध्य हैं लाखों परिवार। यह हाल है आगरा मंडल के चार जिलों के साथ-साथ अलीगढ़ मंडल के एटा और काशीराम नगर का। भीषण गर्मी...
More »नक्सली हिंसा वाले 108 गावों में जनगणना नहीं
रायपुर नक्सली हिंसा के कारण दंतेवाड़ा जिले के 108 गांवों में जनगणना नहीं हो पाएगी। इन गांवों में नक्सलियों का आतंक है और प्रशासन का अमला वहां तक पहुंच नहीं सकता। किसी तरह पहुंच भी जाए तो उनको जनगणना का काम करते नहीं बनेगा। दंतेवाड़ा कलेक्टर रीना कंगाले ने राज्य शासन को इस संबंध मंे सूचना भेज दी है। राज्य शासन की ओर से केंद्र सरकार को भी इससे अवगत करा दिया गया है। जनगणना...
More »शहरी सरहद से निकल गाव में जमाया पाव
वाराणसी। दस लाख का सालाना पैकेज और उच्च पद। युवा मन इस लुभावने प्रस्ताव पर मचल सकता था लेकिन अपना देश, अपनी बिरासत किसी से कम थोड़े होती है। सोच में धवलता हो, नीयत में ईमानदारी हो और लगन कूट-कूटकर भरी पड़ी हो तो जाने कितने ऐसे पैकेजों से आगे निकला जा सकता है। धवलप्रकाश की यही सोच उन्हें अपनी माटी से जोड़े रही और सफलता के सोपान हासिल करती रही। कोई चौबीस साल...
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