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सहरिया आदिवासी: लॉकडाउन की मार से त्रस्त

इस बार गर्मियों के दिन पूरन के लिए कुछ अलग हैं, इस साल कोई 'फड़' नहीं लगी गांव में. वैसे हर साल इन दिनों में 'फड़' लगती थी और पूरन अपने परिवार सहित तेंदू पत्ता तोड़ने जंगल जाते थे, इस बार कोरोना वायरस की वजह से ऐसा नहीं हुआ. पूरन शिवपुरी जिले के कुंवरपुर गांव में रहते हैं, वो सहरिया आदिवासी हैं. इन दिनों वो कुंवरपुर की 'सहराना' बस्ती मे लॉकडाउन...

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कोरोना वायरस संकट: अगले एक महीने में क्या हो सकता है?

-सत्याग्रह,  केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के चलते घोषित लॉकडाउन का पांचवां चरण शुरू हो गया. इसके लिए जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है. बाकी इलाकों में चरणबद्ध तरीके से परिवहन से लेकर शिक्षण तक वे तमाम गतिविधियां फिर से शुरू की जाएंगी जिन पर पाबंदी लगी हुई थी. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में...

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वैश्विक आपदा के बहाने ऑनलाइन उच्च शिक्षा देश के गरीब और ग्रामीण वर्ग के बीच असमानता की खाई को और बढ़ाएगी

-द प्रिंट, कोविड-19 जैसी वैश्विक आपदा का दुष्प्रभाव उच्च शिक्षा पर पड़ना स्वाभाविक है. लेकिन इस आपदा को भारत सरकार इलीट समुदायों के लिए ‘अवसर’ बनाने की नीयत से काम कर रही है. आपदा के वक्त वैकल्पिक निर्देशों की आड़ में तमाम विवादित आपत्तिजनक प्रावधानों को लागू किया जा रहा है. उसमें एक नई चुनौती बनकर सामने आई है- ऑनलाइन उच्च शिक्षा. दिल्ली विश्वविद्यालय ने हाल ही में निर्देश दिया कि वह...

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पहले खेती करतीं हैं, फिर उस फसल की प्रोसेसिंग घर पर कर मार्केटिंग भी करतीं हैं यह किसान!

-द बेटर इंडिया, इस बात में कोई दो राय नहीं हैं कि भारत के कृषि क्षेत्र में महिलाएं, पुरुषों से अधिक काम करतीं हैं। फिर भी हमारे यहाँ किसान शब्द को सदैव पुरुषों से ही जोड़ा गया है। लेकिन अब तस्वीर बदलने लगी है और सदियों से पुरुष-प्रधान रहे इस क्षेत्र में महिला किसान अपने हुनर से एक अनोखी और अनूठी पहचान बना रही हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि अब...

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“महामारी को सरकार ने महात्रासदी में बदला”

-आउटलुक, पहले चंद्रशेखर सरकार और फिर अटलबिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री और फिर विदेश मंत्री जैसा अहम जिम्मा संभाल चुके 83 वर्षीय यशवंत सिन्हा 2014 के बाद से ही दलगत राजनीति से बाहर हैं लेकिन बतौर सार्वजनिक शख्सियत वे आज भी सक्रिय हैं। हाल में लॉकडाउन के दौरान गरीब और प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा के खिलाफ उन्होंने राजघाट पर लगभग 11 घंटे का धरना और गिरफ्तारी दी। उनकी मांग है कि मजदूरों...

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