जीवन के मूल संसाधनों को लेकर कही गई पुरानी कहावतें आज के परिप्रेक्ष्य में ज्यादा सही लगती हैं। मिट्टी भी उनमें से एक है। माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रोंदें मोय, इक दिन ऐसा आएगा मैं रौंदूगी तोय। यह दोहा आज सटीक बैठ रहा है। मिट्टी के मोल अब पुराने नहीं रहे। यह भी अन्य प्राकृतिक संसाधनों की तरह विलुप्त होती जा रही है। यह संकट बड़ा है, क्योंकि...
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महंगी दवाओं का कारोबार- रामप्रताप गुप्ता
सरकार ने जब 2002 में दवा कीमत नीति का प्रकाशन किया था, जिसमें कीमत नियंत्रण की व्यवस्था के अंतर्गत शामिल दवाओं की संख्या को 76 से कम करने का प्रस्ताव था, तो कर्नाटक हाई कोर्ट में कुछ जनसंगठनों ने इसके विरुद्ध याचिका दायर की थी। कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में इस नीति पर रोक लगा दी थी। इस पर केंद्र सरकार ने इस निर्णय के विरुद्ध अपील की थी, तो...
More »विकास दर में वृद्धि के बावजूद गरीबी बढना चिन्ता का विषय
पटना। बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री भीम सिंह ने आज कहा कि विशेषज्ञों के लिये यह गहन मंथन का विषय है कि विकास दर में वृद्धि के बावजूद देश में गरीबों की संख्या में वृद्धि क्यों हो रही है। श्री सिंह ने पत्र सूचना कार्यालय की ओर से यहां (ग्रामीण विकास से भारत का निर्माण) विषय पर आयोजित दो दिवसीय विचार गोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में...
More »12 प्रतिशत घटी मध्य प्रदेश में गरीबी
मध्य प्रदेश में गत पांच वर्षों के दौरान गरीबी दर में 12 प्रतिशत की अभूतपूर्व कमी आई है, जबकि इस दौरान गरीबी कम होने का राष्ट्रीय प्रतिशत 7.3 रहा। इससे पहले वर्ष 1999-2000 से वर्ष 2004-05 की अवधि के दौरान मध्य प्रदेश देश का एकमात्र राज्य था, जहां गरीबी चार प्रतिशत बढ़ी थी। 2004-2009 तक गरीबी में वार्षिक 1.5% कमी योजना आयोग द्वारा जारी आंकड़ों में एक उल्लेखनीय तथ्य यह भी उभरकर...
More »अवैध खनन का ‘राज’स्थान- शिरीष खरे(तहलका) की रिपोर्ट
पिछले साल सर्वोच्च न्यायालय के सामने राजस्थान सरकार ने दावा किया था कि अरावली की पहाड़ियों में खनन पूरी तरह बंद है. लेकिन राष्ट्रीय राजधानी के मुहाने पर बसे सीकर जिले की तस्वीर ही इस दावे की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है. शिरीष खरे की रिपोर्ट राजस्थान की राजधानी जयपुर को देश की राजधानी दिल्ली से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-8 के साथ ऊंट के आकार-सी उठती-बैठती अरावली पर्वत श्रृंखला...
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