-आउटलुक, “बेहतर होगा कि किसानों के मामले में भी लेवल प्लेइंड फील्ड सिद्धांत अपनाया जाए और कीमत नियंत्रण के लिए उनके हितों की बलि न दी जाए” भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो रेट में 0.4 फीसदी की कटौती के साथ ही कई दूसरे अहम फैसले भी किए। इस मौके पर रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था, विकास दर और...
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लाइफ लाइन बनी डेंजर लाइन, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 48 घंटे में नौ लोगों की मौत
-न्यूजक्लिक, ‘देश की लाइफ लाइन’ कहे जानी वाली भारतीय रेल फिलहाल प्रवासी मज़दूरों की सुरक्षित घर वापसी में एक चुनौती बनी हुई है। कभी रास्ता भटक जाना तो कभी यात्रा के दौरान हो रही मौतें लगातार रेल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक लगभग 40 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें अपने गंतव्य स्थान की बजाय कहीं और पहुंच गई तो वहीं पिछले 48 घंटों में इन ट्रेनों में...
More »कोरोना वायरस: ‘पंजाब मॉडल’ की तारीफ़ अमरीका में क्यों?
-बीबीसी, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और दिल्ली - ये देश के वो चार राज्य हैं, जहाँ कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे ज़्यादा मामले हैं. जब भी कोरोना के बढ़ते मामलों की बात होती है, इन राज्यों का ज़िक्र आता है. वहीं जिन राज्यों ने कोरोना से निपटने के लिए अच्छा काम किया है, उनमें केरल का ज़िक्र काफ़ी होता है. देश में कोरोना का पहला मामला केरल में सामने आया था. इसके बाद भी...
More »खजाने का ताला खोलिए और जरूरतमंदों को राहत दीजिये : सोनिया गांधी
-सत्याग्रह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार से अपील की है कि वह कोरोना वायरस संकट के इस मुश्किल दौर में खजाने का ताला खोले और जरूरतमंदों को राहत दे. उन्होंने यह बात आज जारी एक वीडियो संदेश में कही. इस दौरान सोनिया गांधी ने ने प्रवासी मजदूरों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा. उन्होंने, ‘देश की आजादी के बाद पहली बार दर्द का वो मंजर सबने देखा...
More »इंटरव्यू / सरकार को लॉकडाउन से पहले प्रवासी मजदूरों को घर भेजना चाहिए था, रिवर्स माइग्रेशन से अब वे देर से लौटेंगे, लेकिन लौटेंगे जरूर: प्रो. चिन्मय तुंबे
-भास्कर, दुनियाभर में माइग्रेशन के लिए चर्चित किताब ‘इंडिया मूविंग: अ हिस्ट्री ऑफ माइग्रेशन’ के लेखक और आईआईएम अहमदाबाद में प्रोफेसर चिन्मय तुंबे से इस वक्त कई राज्य सरकारें माइग्रेंट्स को लेकर पॉलिसी मेकिंग में एडवोकेसी-कंस्लटेंसी ले रही हैं। तुंबे का मानना है कि कोविड-19 के चलते बेशक दुनियाभर में लॉकडाउन हुआ, लेकिन पूरी दुनिया में माइग्रेंट्स के साथ ऐसा बुरा कहीं नहीं हुआ, जैसा भारत में हुआ। माइग्रेशन के विभिन्न पहलुओं...
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