देश में अब तक 15 बार लोकसभा के चुनाव हुए हैं. लोकतांत्रिक कसौटी पर हम खरा उतरने की कोशिश करते रहे हैं. इस कोशिश का ही नतीजा है कि अब करीब-करीब प्रत्येक मतदाता निर्भय हो कर मतदान करने लगा है. इसने बाहुबल को बहुत हद तक कमजोर किया है, लेकिन चुनाव में धनबल अब भी कायम है. इसके कई रूप हैं. इस पर अंकुश लगाने के लिए चुनावी खर्च के लेखा परीक्षण...
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आत्मनिर्भरता ने दी तरक्की - सचिन चतुर्वेदी
देश के पिछड़े राज्यों में शुमार छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित राजनांदगांव में हर आदमी अदब से फुलबासन यादव का नाम लेता है। सातवीं जमात तक पढ़ीं यादव ने जिले की हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया है... बदला जीने का तरीका 10 साल की उम्र में हो गई शादी 570 बाल विवाह रुकवाने में कामयाब रहीं 2012 में भारत सरकार ने पद्मश्री से नवाजा 37 लाख रुपये का पुरस्कार मिल चुका है उनकी...
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देश के पिछड़े राज्यों में शुमार छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित राजनांदगांव में हर आदमी अदब से फुलबासन यादव का नाम लेता है। सातवीं जमात तक पढ़ीं यादव ने जिले की हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया है... बदला जीने का तरीका 10 साल की उम्र में हो गई शादी 570 बाल विवाह रुकवाने में कामयाब रहीं 2012 में भारत सरकार ने पद्मश्री से नवाजा 37 लाख रुपये का पुरस्कार मिल चुका है उनकी...
More »सालाना 10 लाख बच्चे होते हैं टीबी का शिकार
एक ओर जहां पूरी दुनिया सोमवार को विश्व टीबी दिवस मना रही है, वहीं दूसरी और एक शोध से पता चला है कि चिकित्सा में सुधार और सरकार तथा सहायता एजेंसियों के प्रयासों के बावजूद 2011 से अब तक तपेदिक (टीबी) का शिकार होने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है। बोस्टन में ब्रिघम एंड वूमेंस हॉस्पिटल (बीडब्ल्यूएच) और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल (एचएमएस) के शोधकर्ताओं का अनुमान है कि...
More »उतने बीमार भी नहीं हैं बीमारू राज्य- सुभाष गाताडे
कई बार कुछ सर्वेक्षण ऐसे नतीजे को सामने लाते हैं, जो हमारे सहज बोध से विपरीत जान पड़ते हैं। भारत के मानव विकास सूचकांक के ताजे आंकड़े इसी की मिसाल हैं। योजना आयोग के अंतर्गत कार्यरत इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड मैनपावर रिसर्च (आईएएमआर) के हालिया आंकड़े के मुताबिक, ऐसे गरीब कहलाने वाले राज्यों में मानव विकास सूचकांक अब तेजी से राष्ट्रीय औसत के करीब पहुंच रहा है, जहां हाशिये पर पड़े...
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