नई दिल्ली.यूपीए की सहयोगी पार्टी एनसीपी और कांग्रेस के बीच खींचतान जारी है। शनिवार को मुंबई में पार्टी के नेता बैठक कर रहे हैं तो दिल्ली में पार्टी के नेता डीपी त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से मुलाकात की। एनसीपी ने एक बार फिर साफ किया है कि वह यूपीए का हिस्सा बनी रहेगी। मुंबई एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय भारी उद्योग...
More »SEARCH RESULT
भूखे पेट सोते लोगों की सुध नहीं - बाबूलाल नागा
हाल में देश में बर्बाद हो रहे अनाज को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए आदेश दिया कि उन अधिकारियों की तनख्वाह काट ली जानी चाहिए जिनकी वजह से अनाज सड़ता है। अदालत ने कहा कि एफसीआई या राज्य के गोदामों में अनाज ठीक ढंग से नहीं रखा जाता है। ऐसे में निगरानी विभाग और पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को उन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पिछले...
More »'जनशक्ति को धनशक्ति के हाथों हाईजैक होने से रोकने के लिए बंद हो कारपोरेट फंडिंग'
नागपुर। माकपा नेता सांसद डा. सीताराम येचुरी ने कहा कि जनशक्ति को धनशक्ति के हाथों हाईजैक होने से रोकने के लिए राजनीतिक पार्टियों को मिलनेवाला कारपोरेट चंदा बंद होना चाहिए। चंदे को टैक्स फ्री करना चिंताजनक है। कारपोरेट फंडिंग सीधे सिस्टम को होनी चाहिए। आज महज 55 लोगों के हाथों देश की अर्थ व्यवस्था है। सामाजिक संगठन जनमंच की ओर से नागपुर विद्यापीठ के दीक्षांत सभागृह में आयोजित स्व. न्या. अशोक देसाई स्मृति...
More »ब्राजील की झुग्गियों में हुए भारत के दर्शन
भारत और ब्राजील दोनो विकासशील देश हैं और कई मामलों में दोनो देशों में कई समानताएँ हैं. ब्राज़ील के रियो दी जनेरो शहर में कोपाकबाना और इपानेमा इलाकों के बीच में स्थित है कांटागालो हिल इलाका जहां तक पहुंचने के लिए लिफ्ट है. इस झुग्गी-झोपड़ी इलाके तक पहुंचने का ये नया साधन है. यहाँ भारतीय लेखक सुकेतु मेहता भी पहुँचे. लिफ़्ट से इस इलाके का जायज़ा कर रहे मेहता कहते हैं, "अगले पांच-दस...
More »उत्तर प्रदेश में फिर सड़कों पर उतरे गन्ना किसान, कई जगह प्रदर्शन
अंबरीश कुमार लखनऊ, 12 जुलाई। उत्तर प्रदेश में किसान फिर सड़कों पर उतरने लगे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर धरना प्रदर्शन के साथ लाठी-गोली से प्रतिकार शुरू हो गया है। राज्य में चीनी मिलों पर किसानों के करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपए बकाया हैं, जिसमे ज्यादातर बकाया निजी क्षेत्र की दर्जन भर चीनी मिलों पर है, तो बाकी सहकारी क्षेत्र की मिलों पर। मुजफ्फरनगर में बकाया गन्ना मूल्य...
More »