नयी दिल्ली, आठ फरवरी (एजेंसी) टूजी स्पैक्ट्रम घोटाले के मामले में फैसला सुनाने वाली उच्चतम न्यायालय की पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति एके गांगुली का मानना है कि न्यायपालिका राज्य की ‘उपेक्षित शाखा’ है। न्यायमूर्ति ने कहा कि सरकार ‘धन की कमी’ को बहाने के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकती। न्यायमूर्ति गांगुली ने पीटीआई से विशेष बातचीत में कहा, ‘‘मुझे यह कहते हुए अफसोस है कि हमारे देश में न्यायपालिका राज्य की...
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जहरीली शराब मामले में मुआवजा देने के फैसले पर अंतरिम रोक
कोलकाता, छह फरवरी (एजेंसी) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दक्षिणी 24 परगना जिले में जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वाले 172 लोगों के परिजनों को दो दो लाख रुपए का मुआवजा देने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले पर आठ हफ्ते की अंतरिम रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एन पटेल और न्यायमूर्ति एस चक्रवर्ती की पीठ ने दो जनहित याचिकाओं पर आज यह अंतरिम रोक लगायी। याचिकाओं में सरकार...
More »नसीमुद्दीन को आबकारी नीति की अवहेलना के मामले में लोकायुक्त का नोटिस
लखनऊ,आठ फरवरी (एजेंसी) उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त ने एक निजी कंपनी को कथित रुप से लाभ पहुंचाने के लिए सरकार की आबकारी नीति का उल्लंघन करने के आरोप में मिली एक शिकायत पर प्रदेश के गन्ना विकास एवं आबकारी मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी को नोटिस जारी करके 19 फरवरी तक उनका जवाब मांगा है। लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन.के. मेहरोत्रा ने ‘‘भाषा’’ को बताया है कि इलाहाबाद के एक विनय कुमार मिश्र ने शिकायत...
More »कौन ठगवा नगरिया लूटल हो : गोपालकृष्ण गांधी
‘लूट’ शब्द जो है, ठेठ हिंदी का है। उर्दू में भी उसकी अपनी जगह है। यानी उसका घर हिंदुस्तानी में है, बोलचाल की मिली-जुली जुबान में। और अफसोस, अब उसका घर हमारी हर जुबान में है, हर दिमाग में, हमारी निराशा में, हमारे गुस्से में, हमारे आक्रोश में। आजकल हम लूट, लुट जाने और लुटेरों के बारे में इतना पढ़ते, देखते और सुनते हैं कि लगता है ‘लूट’ शब्द हमारे लिए और हमारे...
More »नमस्कार-चमत्कार और प्रणाम...- गोपालकृष्ण गांधी
बात खादी-परंपरा से जुड़ी राजनीति की ही नहीं। हर दल की विश्वसनीयता ने क्षति देखी है। डॉ. लोहिया को कौन समाजवादी आज याद नहीं करता? अटलजी की आवाज सुनने आज कौन भाजपा समर्थक आतुर नहीं? एमना पागे लाग, गोपू (इनको प्रणाम कर, गोपू।) घर में जब कोई बुजुर्ग तशरीफ लाते तो पिताजी मुझे गुजराती में यह हिदायत देते। हिदायत क्या, आदेश ही समझिए। वह आदेश बहुत सुहावना होता था, क्यूंकि...
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