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मजदूर, प्लंबर और ब्यूटीशियन: कोरोना के बाद गांव लौटे प्रवासियों को रोजगार देने के लिए यूपी में महाभियान

-गांव कनेक्शन, सिर्फ़ मज़दूर नहीं, 23 लाख लोग जिनमें प्लंबर, इलेक्ट्रिशन, ब्यूटीशियन, जिम ट्रेनर, नर्स आदि शामिल हैं, पैदल, बसों में, ट्रेन में, ट्रकों के पीछे चढ़ कर महानगरों से उत्तर प्रदेश के अपने गांवों में वापस आ चुके हैं, और इस सवाल से जूझ रहे हैं- आगे क्या? लेकिन उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गांव-गांव जाकर लाखों लोगों की "स्किल मैपिंग" का देश में सबसे बड़ा महाभियान शुरू...

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उत्तर प्रदेश में 38 दिनों में मात्र 19 लाख टन गेहूं की हुई खरीद, उत्पादन का केवल 5.26 फीसदी

-आउटलुक, मध्य प्रदेश में जहां गेहूं की खरीद तय लक्ष्य 100 लाख टन को पार कर गई है, वहीं गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में 38 दिनों में मात्र 19.09 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है जोकि राज्य के कुल उत्पादन का 5.26 फीसदी और राज्य से खरीद के लक्ष्य का 34.71 फीसदी ही है। उत्तर प्रदेश में चालू रबी में गेहूं का उत्पादन 363 लाख...

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टिड्डियों के नियंत्रण के लिए 10 ड्रोन किराए पर लेगी सरकार

-फसल क्रांति, केंद्र सरकार टिड्डियों के हवाई नियंत्रण के लिए 10 ड्रोन किराए पर लेने की योजना बना रही है और पहले ही इसके लिए निविदाएं आमंत्रित कर चुकी है। बीती रात, 5 किमी तक फैले एक टिड्डी झुंड ने जैसलमेर के नचना क्षेत्र से सटे भारतीय सीमा में प्रवेश किया। इन स्थानों पर बड़ी संख्या में टिड्डी दल नागौर और अजमेर पहुंचे हैं। अब तक कम से कम आठ जिले टिड्डियों से...

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कंद फसल आधारित एकीकृत कृषि प्रणाली छोटे अंडमान के आदिवासी किसानों की आय

-फसल क्रांति, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में रहने वाली जनजातियों में एक प्रमुख जनजाति निकोबारीज की आजीविका का मुख्य स्रोत वृक्षारोपण फसलों, मसलन नारियल और मछली पकड़ने पर आधारित है। उनकी खेती के तरीके अन्य कृषक समुदाय से बिल्कुल अलग और अद्वितीय हैं। लोग संयुक्त परिवार प्रणाली में रहते हैं और कंद और अन्य फसलों की खेती के लिए 'ट्यूहेट' बागान प्रणाली (एक संयुक्त परिवार कृषि प्रणाली जहाँ समुदाय के...

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मजदूरों की घर वापसी से बिहार में शुरू हो सकता है ज़मीन का ख़ूनी संघर्ष

-न्यूजलॉन्ड्री, जून 2019 की एक दोपहर बिहार के बांका जिले के चांदपुर गांव की रहने वाली 25 वर्षीय पूनम दिल्ली के प्रेस क्लब में अपनी दो साल की बेटी को लेकर खड़ी थीं. बेटी के शरीर पर कई दाग निकले हुए थे. उस दिन बंधुआ मजदूरों को छुड़ाने वाले एक स्वयंसेवी संगठन की प्रेस कांफ्रेंस थी. पूनम खुद एक बंधुआ मजदूर थी, लेकिन मजदूरों को वहां से निकालने में उनकी बड़ी...

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