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मुद्दा: गरीब की नई परिभाषा

गरीबी: सभ्य समाज के इस सबसे बड़े अभिशाप को राष्ट्रपिता गांधी जी ने हिंसा का सबसे खराब रूप कहा। करेला उस पर नीम चढ़ा कि स्थिति यह कि गरीबों को 'गरीब' न मानना। हमारे हुक्मरानों ने गरीबों की नई परिभाषा गढ़ी है। अगर आप शहर में रहकर 32 रुपये और गांव में रहकर 26 रुपये प्रतिदिन से अधिक खर्च कर रहे हैं तो आप गरीब नहीं है। खुद को गरीब मानते...

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किसानों को तीन फीसदी ब्याज पर कर्ज

कानपुर। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के कि सानों को सहकारिता ऋण एवं अधिकोषण योजना के तहत तीन प्रतिशत ब्याज की दर पर फ सली कर्ज मुहैया कराने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री मायावती की अध्यक्षता में यहां हुई प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। इससे राज्य के लाखों कि सान लाभान्वित होंगे। मंत्रिपरिषद के निर्णय के मुताबिक , वर्ष 2011-12 से कि सानों को तीन लाख रुपए तक के...

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कोयला मंत्रालय ला रहा नई पुनर्वास नीति

कानपुर। ग्रेटर नोएडा के भट्टा परसौल में भूमि अधिग्रहण के मसले पर किसानों के आंदोलन को देखकर अब कोयला मंत्रालय एलर्ट हो गया है। उसे भी कोयला खदानों एवं अन्य कामों के लिए किसानों एवं अन्य को विस्थापित करना पड़ता है। कोयला मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह विभाग की पुनर्वास और पुनस्र्थापन [रिहैबिलिटेशन एंड रिसेटलमेंट पालिसी] की नई नीति तीन माह के अंदर तैयार करें ताकि...

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फिर बढ़ेंगे चीनी और प्याज के दाम!

नई दिल्ली। पांच लाख टन चीनी को निर्यात की अनुमति देने और प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य [एमईपी] को कम करने के बारे में सोमवार को फैसला किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक खाद्य मामलों पर मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह [ईजीओएम] की बैठक में इस पर विचार-विमर्श होने की संभावना है। विशेषज्ञ मानते हैं, यदि चीनी निर्यात को अनुमति दी जाती है और प्याज का एमईपी घटाया...

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आईआईटी कानपुर में मजदूरों का शोषण, हाईकोर्ट में याचिका दायर

आईआईटी कानपुर में श्रम कानूनों में व्यापक स्तर पर हो रही अनियमितताओं के विरोध में आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्रों के समूह ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच में एक रिट पेटिशन दायर की है। याचिका में कहा गया है कि आईआईटी कानपुर में भवन और इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण, मेस, सुरक्षा, मेंटेनेंस, सफाई कार्यों आदि में बड़ी भरी संख्या में संविदा मजदूर काम कर रहे हैं जिन्हें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं...

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