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आखिर क्यों जल उठा बेंगलुरु-- आर सुकुमार

वह 2000 के दशक का शुरुआती वर्ष था। इंफोसिस लिमिटेड ने बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के अपने कैंपस में एक शानदार विंग बनाई ही थी, तब मैं कंपनी के तत्कालीन चेयरमैन एन आर नारायण मूर्ति से मिलने गया था। हम जब कैंपस घूम रहे थे, और कारोबार व लोगों और लगभग हरेक इमारत के स्वागत कक्ष में रखे रंग-बिरंगे चमकीले छातों के बारे में बातें कर रहे थे, तब उन्होंने...

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थोक मुद्रास्फीति दो साल के उच्चस्तर पर, अगस्त में 3.74 प्रतिशत

नयी दिल्ली : थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में बढकर 3.74 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इसका दो साल का उच्चस्तर है. दालों और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी से थोक मुद्रास्फीति बढी है. हालांकि, इस दौरान सब्जियों की कीमतों में गिरावट भी आई. जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 3.55 प्रतिशत पर थी. अगस्त, 2015 में यह शून्य से 5.06 प्रतिशत नीचे थी. इससे पहले अगस्त,...

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कहां है हमारी डिजिटल संप्रभुता?-- संदीप मानुधने

सत्रह वर्ष पहले पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कारगिल क्षेत्र में आक्रमण किया था. वह भारत के लिए एक चुनौती थी, जिसे हमारी सेना ने मुंहतोड़ जवाब देकर खत्म कर दिया था. उस युद्ध से एक अच्छी सीख हमें मिली थी. जब युद्ध चरम पर था, तब उपग्रह प्रणाली के जरिये हमने दुश्मन के कोऑर्डिनेट्स (स्थल पहचान चिह्न) पता करने के लिए अमेरिका से जीपीएस डाटा (जीपीएस अमेरिकी सिस्टम है) मांगा था....

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जरूरी है जूट को सरकारी संरक्षण-- पंकज चतुर्वेदी

सीएसीपी यानी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की ताजा सिफारिशें जूट के किसानों के लिए आफत बन सकती हैं। आयोग का कहना है कि चीनी मिलों में शत-प्रतिशत जूट के बोरे के इस्तेमाल की मौजूदा नीति को बंद कर दिया जाए तथा खाद्य पदार्थों में नब्बे फीसद जूट की अनिवार्यता को पचहत्तर फीसद किया जाए। अगर ऐसा हुआ तो बंगाल का जूट किसान भूखों मर जाएगा।   यही नहीं, जूट कारखानों व...

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महंगाई का नया दौर--- धर्मेन्द्रपाल सिंह

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने घोषणा कर दी कि चार सितंबर के बाद वे अपना पद छोड़ देंगे। उनके एलान से विदेशी निवेशक चिंतित हैं, उद्योग जगत में निराशा है और शेयर बाजार में घबराहट। राजन का कार्यकाल न बढ़े, इसके लिए कुछ लोगों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा था। देश का केंद्रीय बैंक (आरबीआइ) ही मौद्रिक नीति निर्धारित करता है और फिर उसके माध्यम से...

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