बढ़ती महंगाई एक बार फिर चर्चा में है। वरना तो महंगाई का जिक्र चुनावी सभाओं या नीति आयोग जैसी संस्थाओं की गंभीर बैठकों में होता है। अर्थशास्त्री इसे मुद्रास्फीति से जोड़ते हैं तो किसान-दुकानदार 'मुनाफाखोरी" से। महंगाई पर चर्चा क्या सिर्फ आंकड़ों की कलाबाजी है या फिर यह हकीकत से भी जुड़ी है? सरकार का दावा है कि मुद्रास्फीति की दर दो अंकों से गिरकर एक अंक की हो गई...
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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा, भारत में सुधारों की गति मंद
बीजिंग: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत में छह प्रमुख क्षेत्रों में सुधारों को आगे बढाने की जरुरत पर बल देते हुए आगाह किया है कि देश में कंपनियों और बैंकों की बैलेंश-शीट की कमजोरी, आर्थिक सुधारों की धीमी पडती गति और मंद निर्यात से पैदा चुनौतियां उसकी आर्थिक वृद्धि को प्रभावित कर सकती हैं. आईएमएफ ने हाल ही में जारी अनुमान में कहा है कि भारत की आर्थिक वृद्धि...
More »बिछड़े सब बारी-बारी, खेती-बारी-- अनिल रघुराज
आखिर कोई कितना इंतजार करता! देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, ‘सब कुछ इंतजार कर सकता है, लेकिन कृषि नहीं.' मगर, आजादी से लेकर कृषि को इंतजार करते-करते अब सात दशक होने जा रहे हैं. वह अब भी भगवान भरोसे है. इंद्रदेव नाराज, तो सूखे की त्रासदी और खुश तो बहुत बड़े इलाके में बाढ़ की तबाही. जिनके बरदाश्त करने की हद चुक जाती है, वे इस...
More »महंगाई का नया दौर--- धर्मेन्द्रपाल सिंह
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने घोषणा कर दी कि चार सितंबर के बाद वे अपना पद छोड़ देंगे। उनके एलान से विदेशी निवेशक चिंतित हैं, उद्योग जगत में निराशा है और शेयर बाजार में घबराहट। राजन का कार्यकाल न बढ़े, इसके लिए कुछ लोगों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा था। देश का केंद्रीय बैंक (आरबीआइ) ही मौद्रिक नीति निर्धारित करता है और फिर उसके माध्यम से...
More »दाल हुई बेलगाम, 200 रुपये किलो तक पहुंची कीमत
नई दिल्ली। कभी दाल-रोटी को गरीब की थाली बताया जाता था, लेकिन आज ऐसा नहीं है। आज दालाें की कीमत आसमान छू रही हैं। दलहन की कीमत 16 जून को 200 रुपए किलो के करीब पहुंच गई। इसको देखते हुए सरकार ने दालों की खुदरा बिक्री 120 रुपए किलो पर करने के लिए इसके बफर स्टॉक की सीमा पांच गुना बढ़ाकर आठ लाख टन करने का फैसला किया है। हालांकि...
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