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इस्मा ने चीनी उत्पादन अनुमान 12 लाख टन घटाया, 328 लाख टन रहने की लगाई उम्मीद

रूरल वॉइस, 27 अप्रैल चीनी उद्योग के शीर्ष संगठन इस्मा (इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन) ने चीनी उत्पादन के अपने पूर्वानुमान में 12 लाख टन की कटौती कर दी है। इस्मा ने अब अपने ताजा अनुमान में कहा है कि चालू विपणन वर्ष में देश में 328 लाख टन चीनी का उत्पादन होगा। उद्योग संगठन ने इससे पहले 340 लाख टन उत्पादन का अनुमान लगाया था। देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य...

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भारत की पहली वाटरबॉडी गणना सही कदम लेकिन लंबी दूरी तय करना बाकी

 न्यूज़लॉन्ड्री, 27 अप्रैल भारत ने पहली बार यह गणना की है कि देश में कितनी वाटरबॉडी हैं. यह काफी महत्वपूर्ण आंकड़ा है क्योंकि बढ़ती आबादी के साथ जलसंसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को देखते हुए पानी जैसे अमूल्य रिसोर्स को संरक्षित करना जरूरी है. जिसके लिये मजबूत डाटाबेस चाहिए. वैसे केंद्र सरकार के पास उन जल निकायों का आंकड़ा होता है, जिन्हें मरम्मत, नवीनीकरण और...

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देश में बढ़ रही नेट-ज़ीरो इमारतें लेकिन सरकारी नियमों की कमी से रफ्तार धीमी

मोंगाबे हिंदी, 25 अप्रैल कर्नाटक के उडुपी जिले के कुन्दापुरा में बदरिया जुमा 15,000 वर्ग फ़ीट में फैली मस्जिद है। मस्जिद की अन्य लोकप्रिय डिजाइनों के विपरीत इस धार्मिक इमारत का एक अलग रूप है। अंग्रेजी के अक्षर एल (L) के आकार की मस्जिद की इमारत के सबसे ऊपर पर एक पवन चक्की है। छत पर सौर पैनल लगे हैं। पिछले साल इसे इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) की तरफ से...

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वैश्विक बाजार में डीएपी की कीमत गिरकर 553 डॉलर और यूरिया की 315 डॉलर तक आई

रूरल वॉयस, 24 अप्रैल डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और यूरिया की कीमतों में लगातार गिरावट का रुख जारी है। वैश्विक बाजार में डीएपी की कीमत गिरकर 553 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गई है, जो फरवरी में 640 डॉलर प्रति टन थी। नई कीमत पर सऊदी अरब की एक कंपनी के साथ हाल ही में निजी क्षेत्र की एक भारतीय कंपनी का सौदा हुआ है। वहीं यूरिया की कीमत 315 से...

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झारखंड के 85% कोयला श्रमिक चाहते हैं वैकल्पिक रोजगार के लिए प्रशिक्षण: रिपोर्ट

कार्बनकॉपी, 24 अप्रैल भारत 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिसके लिए कोयले को चरणबद्ध तरीके से समाप्त (फेज आउट) करने की आवश्यकता है। इस एनर्जी ट्रांजिशन का कोयला श्रमिकों की आजीविका पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। यह प्रभाव विशेष रूप से झारखंड जैसे राज्यों में गंभीर होगा, जहां भारत की एक चौथाई से अधिक कोयले की खानें हैं। झारखंड में ऊर्जा परिवर्तन के प्रभावों और...

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