भारत की वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में कई प्रकार से शैक्षिक भेदभाव व्याप्त है, खासतौर पर स्कूली शिक्षा में इसकी जड़ें बहुत गहरे जम चुकी हैं। इस विषबेल को खाद, पानी, पोषण देने वाला ताकतवर समूह शिक्षा का बाजारीकरण कर उस बाजार का नियंत्रक बना बैठा है, जो कि संगठित माफिया की तरह कार्यरत है। वह न केवल नियमों को तोड़ता है बल्कि मनमाफिक नियम निर्धारण में भी पर्याप्त सक्षम है।...
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बलरामपुर कलेक्टर ने सरकारी स्कूल में कराया अपनी बेटी का दाखिला
अंबिकापुर/बलरामपुर। निजी स्कूलों की शिक्षा को महत्वपूर्ण मानने वाले अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों के साथ आम नागरिकों को यह खबर सोचने पर मजबूर कर सकती है। शिक्षा के मामले में संवेदनशील माने जाने वाले बलरामपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने अपनी पांच वर्षीया सुपुत्री बेबिका का दाखिला बलरामपुर जिला मुख्यालय में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में कराया है। शिक्षा गुणवत्ता को लेकर पूरे प्रदेश में कवायद चल रही है। इसके चलते अधिकांश सरकारी स्कूलों की...
More »स्कूली शिक्षा के उजले व स्याह पहलू-- हरिशंकर चतुर्वेदी
इन दिनों परीक्षाफल का मौसम है। हमारे देश में 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे खास महत्व रखते हैं, क्योंकि ये एक ओर स्कूली शिक्षा की दशा का एहसास कराते हैं, तो दूसरी ओर इनसे उच्च शिक्षा के भविष्य की पड़ताल की जा सकती है। 12वीं की परीक्षा संचालित करने के लिए देश में 53 अधिकृत बोर्ड हैं, जिनमें सीबीएसई को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष सीबीएसई का...
More »आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की लापरवाही, एक ही मां की तीनों बेटियां कुपोषित
शहडोल। सरकार जहां कुपोषण मिटाने के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही है वहीं कुपोषण को मिटाने के लिए जिम्मेदार विभागीय अधिकारी लापरवाहीपूर्ण रवैया अपना रहे हैं। अभी हाल ही में जिले के गोहपारू ब्लॅाक के खांड गांव का मामला सामने आया है। इस गांव में एक ही मां की कोख से जन्मी तीनों बेटियां कुपोषण का दंश झेल रही हैं। यहां की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने इस ओर गंभीरता नहीं दिखाई...
More »प्लास्टिक से ढकी झोपड़ी में पढ़ रहा देश का भविष्य, ऐसे आगे बढ़ेगा इंडिया !
कोतबा। प्रशासनिक उदासीनता और शिक्षा विभाग द्वारा ध्यान न देने के कारण लंबे समय से ग्राम पंचायत कुकरगांव के ढोढ़ीडीह में संचालित प्राथमिक शाला के बच्चे प्लास्टिक से ढके झोपड़ी में रहकर अध्यापन कर रहे हैं। शिक्षा विभाग की ओर से यहां भवन निर्माण किया गया है लेकिन दो कमरे के भवन होने के कारण सभी बच्चे उक्त भवन में रहकर पढाई नहीं कर सकते। ग्राम कुकरगांव की यह तस्वीर जिले में...
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