इस बजट को देखने से लगता है कि सरकार चुनाव की जल्दीबाजी में है. बहुत संभव है कि मार्च, 2019 के पहले ही चुनाव हो जाये. इसकी आहट बजट में सुनायी दे रही है. इस बजट को पॉपुलिस्ट (लोकलुभावन) कह सकते हैं. हालांकि, सरकार के नजरिये से यह सकारात्मक बजट है. सरकार कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में खास कदम उठायेगी. पर, इसका ठीक-ठीक प्रतिफल किस रूप में सामने आयेगा,...
More »SEARCH RESULT
मोहनदास से महात्मा तक--- श्रीभगवान सिंह
आमतौर पर यह धारणा प्रचलित है कि गांधीजी को पहली बार ‘महात्मा' से संबोधित किया रवींद्रनाथ ठाकुर ने। लेकिन धर्मपालजी अपनी पुस्तक में बताते हैं कि दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आने पर गांधी को पहली बार ‘महात्मा' के रूप में संबोधित किया गया 21 जनवरी 1915 को, गुजरात के जेतपुर में हुए नागरिक अभिनंदन समारोह में। इसमें प्रस्तुत अभिनंदन पत्र में ‘श्रीमान महात्मा मोहनदास करमचंद गांधी' जैसे आदरसूचक शब्दों...
More »बिहार में खस्ताहाल हैं छोटे डैम, कभी इनसे हजारों हेक्टेयर में किसान करते थे खेती
पटना : प्रदेश के सबसे अधिक डैम बांका जिले में बनाये गये हैं. इनमें चांदन, ओढ़नी, बिलासी, बदुआ, देवासी, बेलहरना आदि शामिल हैं. यहां से नहरों का जाल निकला हुआ है लेकिन अधिकतर की हालत खराब है. इसके साथ ही कुछ बड़े बांध भी हैं, जिसमें-हिरंबी बांध, सरकट्टा डैम, कझिया डांड आदि शामिल हैं. इन सभी से करीब 66 हजार हेक्टेयर इलाके में सिंचाई के लिए पानी देने...
More »ठोस उपायों से ही बदलेगी तस्वीर - डॉ. भरत झुनझुनवाला
केंद्र सरकार का वित्तीय घाटा बढ़ रहा है। सरकार की आय कम हो और खर्च ज्यादा हो तो अंतर को पाटने के लिए सरकार बाजार से ऋण लेती है। इस ऋण को वित्तीय घाटा कहा जाता है। वित्तीय घाटे को अच्छा नहीं माना जाता, ठीक वैसे ही जैसे ऋण लेकर फाइव स्टार होटल में भोजन करने वाले को जिम्मेदार नहीं माना जाता है। विदेशी निवेशक सोचते हैं कि सरकार को...
More »बाल मजदूरी की जड़ें--- देवेन्द्र जोशी
भारत में बालश्रम एक समस्या तो है लेकिन विडंबना यह है कि यहां पहले से ही यह मान कर चला जाता है कि बच्चे इसलिए मजदूरी करते हैं कि इससे उनके परिवार का खर्च चलता है। यह तर्क अपने आप में इसलिए छलावा है कि इसको सच मान लेने का मतलब तो यह होगा कि सबसे गरीब परिवार के प्रत्येक बच्चे को स्कूल की पढ़ाई छोड़ कर काम पर लग...
More »