कायदे से तो भारत के गांवों में कोई परेशानी ही नहीं होनी चाहिए थी- आखिर कृषियोग्य भूमि के मामले में हमारा देश दुनिया में दूसरे स्थान पर है. लेकिन, उपजाऊ जमीन के एक तिहाई पर ही सिंचाई की सुविधा है, बाकी क्षेत्र बारिश पर निर्भर है. छोटी होती जोत और खेती की बढ़ती लागत से किसान पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2014 से 17 के...
More »SEARCH RESULT
मौसम की मार झेलने वाली स्वास्थ्य सेवा बनाएं-- डा. पूनम खेत्रपाल
मुंबई में बुधवार को भारी बारिश ने फिर कहर ढहाया, जबकि अमेरिका अन्य देशों में चक्रवातीय तूफानों ने विकसित देशों में भी आपदा प्रबंधन के साथ स्वास्थ्य रक्षा के उपायों की कलई खोल दी है। यह सच है कि जलवायु परिवर्तन अब अपना असर दिखाने लगा है। ऐसे में इसके प्रभावों का पूर्वानुमान लगाकर अचानक आने वाली आपदाओं ही नहीं, डेंगू जैसे कई रोगों के फिर लौटने से निपटने की...
More »नदियों को जोड़ने में चुनौतियां कम नहीं - मृणाल पांडे
भारत एक नदी मातृक देश है। यहां की तमाम बड़ी-छोटी नदियों ने ही अपने तटों पर यहां हजारों बरसों से नाना सभ्यताओं और परंपराओं को उपजाया व सींचा है। बचपन से ही हर बच्चा सप्त-महानदियों का गुणगान सुनता है, जब-जब कोई जन किसी भी देवप्रतिमा का पवित्र जल से अभिषेक करे। 'गंगेयमुनेश्चैवगोदावरिसिंधुकावेरी जलेऽअस्मिन्सन्न्धिं कुरु के परिचित मंत्र में हर पात्र के जल में सात बड़ी नदियों - गंगा, यमुना, गोदावरी,...
More »बिहार में बाढ़ की तबाही, अबतक 72 की मौत, 73 लाख प्रभावित
बिहार में बाढ़ की तबाही का मंजर थमने का नाम नहीं ले रहा है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अब तक राज्य में इस प्राकृतिक आपदा की वजह से मरने वालों की संख्या 72 तक पहुंच गई है। राज्य के 14 जिलों की 73.44 लाख जनसंख्या इस बाढ़ से प्रभावित है। बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त सचिव अनिरुद्ध ने मरने वालों की संख्या के आंकड़ों की पुष्टि की है। मिली जानकारी...
More »खौफ में यहां के लोग जमीन छोड़कर पेड़ों पर रहने लगे
पटना। बिहार से एक अजीबो-गरीब खबर सामने आ रही है। भागलपुर जिले में बागड़ के ग्रामीण बाढ़ से इतनी बार परेशान हो चुके हैं कि उन्होंने इसका दिलचस्प हल निकाल लिया है। अब वे जमीन की बजाय पेड़ों पर घर बना रहे हैं। बाढ़ प्रभावित इस जिले के लोग पेड़ों पर रहने जा रहे हैं क्योंकि अभी इसका खतरा पूरी तरह से टला नहीं है। इस गांव में रहने वाले करीब...
More »