विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
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कागजों में चल रहा बाल संरक्षण आयोग
राज्य सरकार की ओर से गठित 'बाल अधिकार संरक्षण आयोग' दस महीने बाद भी कागजी बना हुआ है। सरकारी मुहर के महीनों बाद भी इसमें स्थायी अधिकारियों की तैनात नहीं हो सकी है। राज्य में बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए गठित आयोग को सरकारी स्वीकृति के बाद से आज तक खुद का भवन तक नहीं मिला है। आयोग के काम-काज के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को नॉडल एजेंसी...
More »बाढ़ से दो-दो हाथ करेंगी बहू-बेटियां
खगड़िया [निर्भय]। बाढ़ रूपी आपदा से अब नहीं होगी जानमाल की अपूर्णीय क्षति। कारण यह कि फरकिया अर्थात खगड़िया की बहू-बेटियों ने इससे दो-दो हाथ करने के लिए कमर कस ली है। यहां की 30 महिलाएं बाढ़ में बचाव को लेकर बूढ़वा घाट के समीप 'हिलकोर' मारती बागमती में एक जुलाई से ट्रेनिंग ले रही हैं। इन्हें न केवल बाढ़ के डूबते हुए लोगों को बचाने की, बल्कि सांप...
More »प्रमंडल को पोषाहार के लिए मिले 69 करोड़
मुजफ्फरपुर। राज्य योजना मद से राज्यांश के रूप में बाल विकास परियोजनाओं के तहत तिरहुत प्रमंडल को पोषाहार के लिए करीब 69.43 करोड़ रुपए वित्तीय वर्ष 2010-11 के लिए मिले हैं। बिहार सरकार समाज कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव आरएल रविदास ने आयुक्त एसएम राजू को इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से दी है। उन्होंने उल्लेख किया है कि इसके तहत मुजफ्फरपुर को 19.5, सीतामढ़ी को 14.49, पश्चिमी चंपारण 11.24,...
More »विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
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