देश में बाेकाराे के जिस झुमरा पहाड़ की चर्चा बारूदी सुरंग विस्फोट व मुठभेड़ों के लिए होती थी, वह झुमरा अब बदल गया है. टूटी-फूटी सड़कों की जगह अब पक्की सड़क पर चार घंटे का सफर 17 मिनट में तय होने लगा है. नक्सलियों की जनसभा की जगह अब महिला गोष्ठी अौर क्रांतिकारी गीत की जगह रोपा के गीत गूंजने लगे हैं. बच्चों के चेहरे पर दहशत नहीं, खुशी है....
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ग्रामीण भारत को ‘मेगा पुश’- प्रमोद जोशी
मोदी सरकार ने चार राज्यों के चुनाव के ठीक पहले राजनीतिक जरूरतों का पूरा करनेवाला बजट पेश किया है. इसमें सबसे ज्यादा जोर ग्रामीण क्षेत्र, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार और सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों पर है. राजकोषीय घाटे को 3.5 प्रतिशत रखने के बावजूद सोशल सेक्टर के लिए धनराशि का इंतजाम किया गया ोहै. अजा-जजा उद्यमियों के लिए प्रोत्साहन कार्यक्रम भी इसका संकेत देते हैं. बजट का संदेश है कि अमीर ज्यादा...
More »बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए ये अहम फैसले
2016 का आम बजट पेश किया हो चुका है। बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए ये अहम फैसले लिए गए हैं। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने युवाओं के कौशल विकास पर काफी ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का अगले तीन सालों में कौशल विकास योजना के तहत एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करना है। शीर्ष शैक्षणिक संस्थाओं के लिए हेफा गठित सरकार ने एक हजार करोड़ रूपये के आरंभिक...
More »बजट 2016: अरुण जेटली के पिटारे से शिक्षा को मिला क्या?
बजट 2016 पेश किया जा चुका है। इसमें सबसे अधिक बजट कृषि के लिए आवंटित किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने कुछ खास कदम उठाने की बात कही है। देश में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए और सर्व शिक्षा अभियान को ध्यान में रखते हुए आने वाले दो सालों में 62 नए नवोदय विद्यालय खोलने की योजना है। साथ ही दस सरकारी और दस निजी संस्थाों...
More »स्मार्ट शहर से अधिक स्मार्ट स्कूलों की जरूरत- श्रीश चौधरी
शिक्षक को वे सारे कार्य करने हैं, जिनके लिए न तो उसकी नियुक्ति हुई है, न ही वह इच्छुक या प्रशिक्षित हैं. 90% से अधिक बच्चे तीसरी-चौथी कक्षा में पहुंच जाने पर भी अपनी ही कक्षा की हिंदी पुस्तक की दो-चार लाइनें भी दो-चार मिनटों में शुद्ध व सहज स्वर में नहीं पढ़ सकते हैं. मध्याह्न भोजन के अतिरिक्त बच्चों को पाठशाला में कोई आकर्षण नहीं रह गया है. पढ़िए...
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