मुंबई: रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने देश को ठोस घरेलू नीतियों तथा सुधारों की राह पर बनाए रखने की जरुरत पर बल देते हुए कहा है कि ऋण की वृद्धि की समीक्षा करने से पहले बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता (ऋण वसूली के संकट) से निपटने की जरुरत है. रिजर्व बैंक द्वारा आज जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) की प्रस्तावना में राजन ने कहा है, ‘‘बैंकिंग क्षेत्र का...
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ब्रेक्जिट से बढ़ी दुनिया की बेचैनी - महेंद्र वेद
ब्रिटेन के लोगों ने आखिरकार 'ब्रेक्जिट" (ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने) का विकल्प ही चुना। लेकिन क्या यह अजीब नहीं लगता कि एक ऐसा देश, जिसने कभी तकरीबन आधी दुनिया को अपना उपनिवेश बनाकर उसका शोषण करते हुए अपने साम्राज्य को समृद्ध व शक्तिशाली बनाया था, आज उसने कायरतापूर्ण ढंग से यूरोप से अलग होने का फैसला किया? क्या यह भी एक विडंबना नहीं है कि एक ऐसा...
More »उत्पादन में रोबोट का बढ़ रहा है दखल, जॉब्स पर असर..
उत्पादन की प्रक्रियाओं में रोबोट के बढ़ते दखल से दुनियाभर में जॉब्स को लेकर चिंता बढ़ रही है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन भी पिछले दिनों इस संबंध में चिंता जता चुके हैं. अनेक वैश्विक संस्थाएं लगातार इसका अध्ययन कर रही हैं और उनकी रिपोर्ट बताती है कि वाकई में भविष्य में अनेक प्रकार के इनसानी जॉब्स पर रोबोट के हावी होने का खतरा बढ़ रहा है....
More »जीवन-मरण का वैश्विक प्रश्न--- निरंकार सिंह
जब ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा शुरू हुई थी, तब इस प्रकार के आकलन की वैज्ञानिकता पर काफी सवाल उठाए गए थे। लेकिन धीरे-धीरे वे सवाल खामोश होते गए। अब पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ने तथा इसके फलस्वरूप जलवायु संकट तीव्रतर होने की हकीकत पर मतभेद की गुंजाइश नहीं रह गई है। दुनिया भर के वैज्ञानिक अब यह अनुभव करने लगे हैं कि हम आधुनिक विकास के जिस रास्ते पर चल...
More »ताकि बैंकों की साख कायम रहे- एन के सिंह
हेनरी पॉलसन के मुताबिक, 'अगर कोई आर्थिक-तंत्र बिखरता है, तो फिर उसे पटरी पर लाना वाकई बहुत-बहुत मुश्किल हो जाता है।' भारत का वित्तीय क्षेत्र अभी गंभीर संकट में उलझा हुआ है। और यह संकट मुख्यत: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों, यानी एनपीए के कारण पैदा हुआ है। 31 दिसंबर, 2015 तक 24 सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल एनपीए 3,93,035 करोड़ रुपये था। अगर इसमें जोखिम वाले...
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