विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बैठक मंगलवार को नैरोबी में शुरू हुई। केन्या जैसे सदस्य देशों ने लंबे समय से लंबित दोहा दौर के कृषि जैसे महत्वपूर्ण मसलों के समाधान पर जोर दिया। भारत भी लगातार दोहा दौर के लंबित मुद्दों मसलन विकासशील देशों को विशेष सुरक्षा तंत्र (एसएसएम) पर जोर देता रहा है जिससे वे अपने गरीब किसानों के हितों का संरक्षण कर सकें। मीडिया को संबोधित करते हुए 10वें...
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मलेरिया-बुखार से ग्रामीण अंचलों में 3962 लोगों की मौत
रायपुर। प्रदेश में साल 2014 में ग्रामीण अंचलों में 3962 मौत बुखार, मलेरिया से हुई है। यह बड़ा खुलासा राज्य स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत संचालित स्टेट हेल्थ रिसोर्स सेंटर (एसएचआरसी) की एनालिसिस (विश्लेषण) रिपोर्ट में हुआ है। यह रिपोर्ट राज्य स्वास्थ्य विभाग को भेजी जा चुकी है। रिपोर्ट से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। 'नईदुनिया' के पास रिपोर्ट की प्रति मौजूद है। दरअसल एसएचआरसी ने एक एनालिसिस के लिए गांवों में...
More »जजों की नियुक्ति : अपने-अपने तर्क
कॉलेजियम सिस्टम पर चल रही बहस के दो छोर हैं। एक का दावा है कि हमारे देश के सर्वशक्तिमान न्यायाधीशों की नियुक्ति और तबादले का अधिकार कुछ न्यायाधीशों के पास केवल इसलिए रहना चाहिए, क्योंकि वे न्यायपालिका परिवार का हिस्सा होने के कारण उनके बारे में बेहतर समझ रखते हैं। दूसरा छोर कहता है कि उसमें आम जनता के नुमाइंदों की भी भागीदारी होनी चाहिए, क्योंकि न्यायाधीश केवल न्यायपालिका के...
More »बासमती को लेकर भारत और पाकिस्तान में बनी सहमति
नई दिल्ली। भारतीय बासमती चावल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक नई पहचान मिली है। यह प्रतिष्ठा दिलाने में पाकिस्तान उसके साथ है। लंबे दाने के खुशबू वाले बासमती को जीआई टैग दिलाने में भारत के दावे का पाकिस्तान ने वैश्विक स्तर पर खुलकर समर्थन किया है। बासमती के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच एक अंतरिम समझौता भी है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने स्वीकार किया है कि बासमती...
More »मानवाधिकारों पर चंद खरी बातें - मृणाल पांडे
वर्ष 1950 में संयुक्त राष्ट्र संगठन ने विश्व स्तर पर मानवाधिकारों की व्याख्या करते हुए विश्वयुद्धों से घायल दुनिया को 10 दिसंबर के दिन सालाना मानवाधिकार दिवस मनाने का संदेश दिया था। उस व्याख्या का मसौदा बाइबिल के बाद दुनिया का सबसे अधिक अनूदित दस्तावेज बताया जाता है। लेकिन मानवाधिकार दिवसों की छह दशक से लंबी श्रंखला और उस पर तमाम गहन चिंतन-मनन के बाद भी दुनिया में मानवाधिकारों की,...
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