जनसत्ता 30 मई, 2013: हमारे समकालीन सोच-विचार की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि ‘गरीब' के बारे में सिर्फ ‘अमीर' (इस प्रसंग में ‘एलीट') विचार करते हैं। गरीब अपनी गरीबी के बारे में विचार करता नहीं पाया जाता। अपने बारे में इस कदर ‘विचार विहीन' होने के बारे में भी गरीब कभी नहीं बोलता। यह बात भी अमीर ही बताते हैं कि गरीब अपनी गरीबी के बारे में इस कारण विचार...
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जंगल-जमीन बचाने के लिए सतपुड़ा में आंदोलन- बाबा मायाराम
इन दिनों सतपुड़ा के जंगलों के आदिवासी आंदोलित हैं। इसकी एक झलक होशंगाबाद में जब दिखाई दी तब आदिवासियों के जोशीले नारों से यहां की गलियां गूंज उठीं। दूरदराज के गांवों से सैकड़ों की तादाद में यहां आकर आदिवासियों ने जता दिया कि शेर पालने के नाम पर उनकी रोजी-रोटी पर लगाई जा रही रोक उन्हें मंजूर नहीं है। इसका पूरी ताकत से विरोेध किया जाएगा। इस जुलूस का फौरी असर...
More »छत्तीसगढ़ में कैंसर वाली अल्ट्रावायलेट किरणें खतरनाक स्तर पर- सुधीर उपाध्याय
रायपुर. चिलचिलाती धूप के साथ इन दिनों आसमान से अल्ट्रावायलेट (यूवी) किरणें भी जमकर बरस रही हैं। मौसम विज्ञानियों के अनुसार छत्तीसगढ़ सहित मध्य भारत के ज्यादातर इलाकों में इसका स्तर 14 तक पहुंच चुका है। इन किरणों की तीव्रता सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक सबसे ज्यादा होती है। आमतौर पर 2 यूनिट तक का स्तर अल्ट्रावायलेट किरणें के लिए सामान्य माना जाता है। इतनी...
More »'भूखे मरने से अच्छा है कीड़े-मकोड़े खाएं'
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र ने भुखमरी से निपटने के लिए कुछ नए विकल्प पेश किए हैं। ये पौष्टिक भी हैं और पर्यावरण संरक्षण में मददगार भी। हो सकता है कि ये आपके इर्द-गिर्द रेंग या उड़ रहे हों। बात कीड़े-मकोड़ों की ही हो रही है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने सोमवार को जारी एक शोध रपट में कहा है कि चीटियां, टिड्डे और अन्य कीड़े-मकोड़े ऐसे खाद्य...
More »आपदाओं से 2500 अरब डालर का नुकसान: संयुक्त राष्ट्र
जिनीवा (एएफपी)। संयुक्त राष्ट्र की एक रपट के अनुसार इस शताब्दी में अब तक प्राकृतिक आपदाओं से 2500 अरब डालर का नुकसान हुआ है जो कि पूर्व अनुमानों से अधिक है। रपट में कंपनियों से कहा गया है कि वे जोखिमों का सामना करें। संयुक्त राष्ट्र के आपदा जोखिम संबंधी अंतरराष्ट्रीय संस्थान यूएनआईएसडीआर ने अपनी रपट में कहा है कि ये आंकड़े केवल प्रत्यक्ष नुकसान का प्रतिनिधित्व करते हैं जो कि पारंपरिक तालिकाओं से...
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