इन दिनों देश के प्रशासनिक ढांचे में आमूल-चूल बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है. सैद्धांतिक रूप से यह मान लिया गया है कि प्रशासन का ब्रिटिश ढांचा भारतीय परिस्थिति में नहीं सफल हो रहा. महात्मा गांधी ने जो गांवों के सरकार की कल्पना की थी वही देश को ढंग से चलाने का कारगर तरीका हो सकता है. इसके लिए कई सालों से विकेंद्रीकरण की कोशिशें की जा रही...
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कड़वे बादाम : दिल्ली के बादाम उद्योग में मज़दूरों का शोषण
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दूर-दराज़ कोने में बसी हुई, शोर-ग़ुल और चहल-पहल भरी करावलनगर की बस्ती, अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों का एक उभरता हुआ केन्द्र है, जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर और उनके परिवारों को रोज़गार मिलता है। ये उद्यम किसी भी मानक से छोटे नहीं है। वैश्विक सम्बन्धों की जटिल श्रृंखला में बँधे ये उद्यम, सालभर चालू रहते हैं और हज़ारों मज़दूरों के रोज़गार का स्रोत हैं। कई करोड़...
More »पूर्व श्रम मन्त्री की फ़ैक्ट्री में श्रम क़ानून ठेंगे पर!- आनंद की रिपोर्ट
ज़रा सोचिये कि उस स्थिति में क्या होगा, जब श्रम मन्त्री ही अपनी फ़ैक्ट्रियों में श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ाकर मनमाने तरीके से मज़दूरों के श्रम का शोषण करते हों। जी हाँ, यह चौंकाने वाली बात है फरवरी 2011 तक दिल्ली के श्रम मन्त्री रहे मंगतराम सिंघल की, जिनका कि दाल, राजमा, छोले, चना, अरहर वगैरह तरह-तरह की दालों का बहुत बड़ा कारोबार है। पूर्व श्रम मन्त्री महोदय की फ़ैक्ट्रियों में अपनी ही...
More »नोएडा में बिल्डरों से जमीन छीनेगी सरकार
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने मुख्यमंत्री रहते सरकारी बंगले पर एक अरब रुपये से भी ज्यादा खर्च कर डाले। यह जानकारी मौजूदा सरकार की ओर से विधानसभा में दी गई है। मायावती ने साल 2007 से 2012 के दौरान लखनऊ में 13ए, मॉल एवेन्यू रोड स्थित बंगले को नए सिरे से बनाने और साज-सज्जा पर 86 करोड़ 56 लाख रु. खर्च कर डाले। करीब 20 लाख रुपये...
More »इस शहर में चल रहा खनन का बड़ा खेल, रोजाना 800 गाड़ी रेती पार
बल्लभगढ़. जिले में यमुना नदी से रेती खनन का काम धड़ल्ले से जारी है। एक अनुमान के मुताबिक रोजाना करीब 800 गाड़ी रेती का खनन हो रहा है। यह कार्य जिले के लगभग दो दर्जन से अधिक गांवों में हो रहा है। एक ट्रॉली रेती की कीमत करीब दो हजार रुपए है। इस हिसाब से महीने में अवैध रेती का कारोबार करोड़ों का है। 2010 में यमुना रेत के ठेके नहीं...
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