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आज के लिए दांव पर कल : केविन रैफर्टी

दुनिया के लिए यह एक चुनौती भरा समय है। आम जनता महंगाई और बेरोजगारी की समस्या से जूझ रही है और व्यवसाय जगत करों की ऊंची दरों और मांग में आई कमी से संघर्ष कर रहा है, क्योंकि उपभोक्ता खर्च करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। वैश्विक बाजार किसी रोलरकोस्टर पर सवार होकर एक संकट से दूसरे संकट तक की यात्रा कर रहा है। यूनान, इटली, यूरो संकट, बलरुस्कोनी का...

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रीटेल में एफडीआई पर संसद में हंगामा, सोमवार तक स्थगित

रीटेल सेक्टर में केद्र सरकार के द्वारा 51 फीसदी एफडीआई की मंजूरी के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। गठबंधन सरकार की हिस्सा तृणमूल कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर बहस की मांग की। भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। बाद में जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तब भी हंगामा न थमता देख संसद के दोनों...

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मल्टी ब्रांड रिटेल में 51% FDI पर कैबिनेट की मंजूरी

सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए बहुब्रांड खुदरा कारोबार में 51 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को गुरुवार को मंजूरी दे दी। इससे दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में वालमार्ट जैसी बड़ी कंपनियों के मेगा स्टोर खुलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय का फैसला सहयोगी दल तणमूल कांग्रेस के विरोध के बावजूद...

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अन्ना का जनलोकपाल होगा या सत्ता और विपक्ष का लोकपाल

अन्ना हजारे के प्रमुख सहयोगियों ने संसद के शीतकालीन सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिए दबाव बनाने के मकसद से मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं अरुण जेटली और सुषमा स्वराज से मुलाकात की। मुलाकात के बाद टीम अन्ना के प्रमुख सहयोगी अरविन्द केजरीवाल ने बताया कि ऐसी खबरें आई हैं कि स्थायी समिति ने केंद्र सरकार के समूह-बी के कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में रखने...

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महंगाई के पीछे गलत नीतियां- सी पी राय

समूचा देश आज महंगाई की समस्या से परेशान है। लेकिन सारी महंगाई अंतरराष्ट्रीय कारणों से नहीं है, जैसा कि सरकारी पक्ष बताता आ रहा है। साफ है कि 120 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाला यह देश सेंसेक्स और कुछेक लोगों को समृद्ध करने वाली नीतियों से नहीं चल सकता। कुछ तो है, जिसे हमारे तथाकथित अर्थशास्त्री नहीं समझ पा रहे हैं या नहीं समझने का नाटक कर रहे हैं या...

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