धनबाद. जिले में एक-दो नहीं लगभग पचास हजार ऐसे लोग हैं जिनके पेट की आग मालगाड़ियों से बुझती है। कोयले से लदी मालगाड़ियां से कोयला चोरी कर बेचना इनका मुख्य पेशा है। गंदा है,अवैध है, पर यही इनका धंधा इनकी रोजरोटी का माध्यम है। इनके लिए मनरेगा कोई मायने नहीं रखता। इनका साफ कहना है कि आठ घंटे काम करने पर के बाद भी न्यूनतम मजदूरी से मनरेगा में अधिक नहीं मिलता,...
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मिड-डे मील मिला नहीं तो बच्चों ने खा लिए रतनजोत, 65 बेसुध
हिसार. एचएयू स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल के 65 विद्यार्थियों की बुधवार को जटरोफा के बीज खाने से तबीयत बिगड़ गई। कारण स्कूल में पिछले दो महीने से मिड डे मील न मिलना रहा। नाश्ते के बाद दोपहर तीन बजे तक भूखे रहे इन बच्चों ने स्कूल के साथ लगे पेड़ से जटरोफा के बीज खा लिए। किसी ने पांच तो किसी ने छह खाए। बच्चों के घर पहुंचते ही उल्टी और पेट...
More »पंजाबी बच्चों को नहीं मिल रहा मां का दूध
लुधियाना। पंजाब की मां अपने बच्चों को अन्य राज्यों की मां के मुकाबले कम स्तनपान कराती हैं। सर्वाधिक ग्रेजुएट महिलाओं वाले इस राज्य में स्तनपान को लेकर महिलाएं ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं। इसीका परिणाम है कि पूरे पूरे देश का पेट भरने वाले पंजाब की माएं अपने ही बच्चों को दूध पिलाने में पिछड़ कर पांचवे नंबर पर पहुंच गई हैं। यदि केवल पंजाब की बात करें तो फिरोजपुर और...
More »बंधक मजदूर कराए जाएंगे रिहा
बिहार के छपरा जिले में एक ईट-भट्टे पर बंधुआ बनाए गए राज्य के मजदूरों को रिहा करवाने के लिए अधिकारियों को कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री डा. सिंह ने यहां साप्ताहिक जनदर्शन कार्यक्रम में संबंधित मजदूरों के परिजनों की शिकायत पर यह निर्देश दिए। डा.सिंह से शिकायत की गई कि बिलासपुर जिले के मस्तुरी थाना क्षेत्र के बिनैका के कुछ मजदूरों को बिहार के छपरा जिले के दाउदपुर थाना...
More »साइकिल चलाते-चलाते ब्रांड बनी किसान चाची
मुजफ्फरपुर. 55 साल की राजकुमारी हर रोज 30-40 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय करती हैं। पिछले 20 सालों से हर दिन साइकिल पर सवार होकर वह गांवों की ओर निकल जाती हैं जहां औरतों को खेती के गुर सिखाती हैं। आसपास के कई जिले उन्हें ‘किसान चाची’ के नाम से जानते हैं जहां उनका अचार, मुरब्बा, सॉस जैसे खाद्य वस्तुओं को बनाने का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलता रहता है। अपने गांव आनंदपुर में...
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