केंद्र सरकार महंगाई और औद्योगिक मोर्चे पर मुश्किल में घिरती दिख रही है। नवंबर में खुदरा महंगाई इस साल सबसे ज्यादा 11.24 फीसदी तक पहुंच गई है, जबकि औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी गिर गया है। महंगाई जहां आम आदमी की कमर तोड़ रही है वहीं, उद्योग सुस्ती के भंवर में फंस चुके हैं। खाने-पीने की चीजों पर 14.72 फीसदी तक पहुंची महंगाई आम जनता के साथ सरकार पर भी भारी पड़...
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ज्यादा बुवाई से दलहन, तिलहन व गेहूं पैदावार बढऩे की उम्मीद
सुधार - रबी सीजन में अब तक का रकबा 477 से बढ़कर 506 लाख हैक्टेयर मोटे अनाजों में सुस्ती रबी में मोटे अनाजों की बुवाई पिछड़ रही अभी तक 50 लाख हैक्टेयर में हो पाई बुवाई पिछले साल हो गई थी 53 लाख हैक्टेयर में बुवाई ज्वार का रकबा 36 लाख से घटकर 34 लाख हैक्टेयर गेहूं की बुवाई का क्षेत्र 227 से बढ़कर 253 लाख हैक्टेयर चालू सीजन में रबी फसलों के बुवाई क्षेत्रफल में हुई...
More »बिहार को 12,000 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज
नयी दिल्ली/ पटना : सरकार ने आज बताया कि बिहार को बिजली, सड़क एवं सिंचाई जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सुधार के मकसद से 12वीं योजना (2012.17) की अवधि के लिए 12,000 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया गया है. संसदीय कार्य एवं योजना राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने एन के सिंह के एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. बिहार के लिए विशेष योजना का अनुमोदन किया...
More »भारत डब्ल्यूटीओ में खाद्य सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं करेगा, बातचीत विफल होने की आशंका
बाली (इंडोनेशिया)। विश्व व्यापार संगठन की दो दिवसीय मंत्रीस्तरीय बैठक से पहले भारत ने अपना रूख कड़ा करते हुए कहा कि वह खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम को लेकर किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगा। इससे व्यापार से जुड़े मुद्दों पर दोहा दौर की वार्ता के विफल होने की आशंका बढ़ गयी है। भारत ने डब्ल्यूटीओ के 33 सदस्यीय समूह के समूचे पैकेज पर विकसित देशों के रूख पर भी चिंता व्यक्त करते हुए...
More »आदिवासी विमर्श का दायरा- अनिल चमड़िया
जनसत्ता 25 नवंबर, 2013 : बढ़ता कृषक असंतोष, छिटपुट विस्फोटों से प्रकट हो रहा है- भू-स्वामियों के बढ़ते शोषण और दमन के विरोध में सशस्त्र प्रतिरोध की तरफ बढ़ता हुआ यह घटनाचक्र पूरे देश के पैमाने पर, विशेषकर आदिवासियों की तरफ फैलता जा रहा है।’ क्या शीर्षक (आदिवासी: शोषितों में सबसे बुरी स्थिति) समेत इन पंक्तियों के बारे में यह ठीक-ठीक अनुमान लगाया जा सकता है कि ये कब लिखी गई होंगी?...
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