राज्य में सूखे के हालात हैं. बारिश नहीं हो रही है. स्थिति खराब होती जा रही है. फिलहाल सिर्फ 32 फीसदी ही रोपा हुआ है. ऐसे में सरकार चुप है. स्थिति पर पैनी नजर रखनेवाले कृषि विभाग में अलग से कोई मंत्री ही नहीं है. फिलहाल मुख्यमंत्री ही कृषि मामलों को देख रहे हैं. राज्य को सूखाग्रस्त घोषित होने की स्थिति में विभागीय स्तर पर कई अहम निर्णय लेने होंगे....
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हर जिले में नहीं होती है मिट्टी की जांच
राज्य की 80 प्रतिशत जनता गांवों में रहती है और उसमें भी 80 प्रतिशत लोग सीधे तौर पर खेती से जुड़े हैं. खेती ही ऐसे लोगों की जीविका का मूल आधार है. इसके बाद भी खेती के विकास को लेकर हमारा सरकारी महकमा गंभीर नहीं है. कृषि में उत्पादकता बढ़ाने के लिए द्वितीय हरित क्रांति, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय बागवानी मिशन आदि कई केंद्र प्रायोजित योजनाओं...
More »प्राकृतिक खेती से पटखनी खाती आधुनिक खेती
मैं महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में कृषि कार्य करता हूं. वहां 1975 से आज तक मैं खेती कर रहा हूं. 1960 के बाद जो खेती में व्यवस्थाएं प्रारंभ हुईं, वहीं से मैंने शुरु आत की थी. अब तक मुझे कृषि विज्ञान दो स्वरूपों में दिखा है. जब मैंने खेती प्रारंभ की तो उस समय परावलंबन का विज्ञान था. उस वक्त मैंने रासायनिक खाद, जहरीली दवाईयां और बाहर से बीज लाकर खेती...
More »प्राकृतिक खेती से पटखनी खाती आधुनिक खेती- सुभाष शर्मा
मैं महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में कृषि कार्य करता हूं. वहां 1975 से आज तक मैं खेती कर रहा हूं. 1960 के बाद जो खेती में व्यवस्थाएं प्रारंभ हुईं, वहीं से मैंने शुरु आत की थी. अब तक मुझे कृषि विज्ञान दो स्वरूपों में दिखा है. जब मैंने खेती प्रारंभ की तो उस समय परावलंबन का विज्ञान था. उस वक्त मैंने रासायनिक खाद, जहरीली दवाईयां और बाहर से बीज लाकर खेती...
More »बरसात का पानी नहीं, यहां शासन की लापरवाही से फसलें हो रही बर्बाद
नागपुर। पेंच से शहर में आ रही मनपा की पाइपलाइन ने खेतों में कहर बरपा दिया है। पाइपलाइन की वजह से बारिश का पानी जमा होने से खेतों में तालाब बन गया है। इससे फसलों को भारी नुकसान होने की जानकारी है। नुकसान को देखते हुए किसानों ने मनपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और पाइपलाइन दूसरी ओर स्थानांतरित करने की मांग...
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