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देश में धान-तिलहन का रकबा घटा, मगर दलहन और मोटे अनाज पर दांव आजमा रहे किसान

गर्मियों में फसल का रकबा घटा कृषि मंत्रालय की ओर से गर्मियों में बोई जाने वाली फसलों के आंकड़ें सामने आए हैं. आंकड़ों के अनुसार, गर्मियों में फसली रकबा बहुत कम घटा है. 28 अप्रैल तक गर्मियों की फसल का कुल रकबा पिछले साल 66.02 लाख हेक्टेयर था, जोकि इस साल थोड़ा कम रहकर 65.29 लाख हेक्टेयर हो गया है. आंकड़ों के अनुसार, धान और तिलहन का रकबा पिछले साल के...

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डाउन टू अर्थ खास: मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए हरित क्रांति जैसी गलती तो नहीं दोहरा रहे हैं हम!

डाउन टू अर्थ, 24 अप्रैल भारत की तरफ से संयुक्त राष्ट्र में दिए एक प्रस्ताव के आधार पर वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया गया है। वैश्विक स्तर पर मोटे अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादक होने के नाते भारत इससे लाभान्वित हो सकता है। 1960 के दशक में हरित क्रांति के बाद से भारत ने गेहूं और धान पर ही ध्यान केन्द्रित कर दिया था। लेकिन, हाल के समय...

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सरकार ने ड्रोन से कीटनाशकों के छिड़काव के लिए फसल-विशिष्ट ‘एसओपी’ जारी किया

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को ड्रोन के जरिये कीटनाशकों के छिड़काव के लिए फसल-विशिष्ट मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि मंत्री ने ‘‘मोटे अनाज के उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन के लिए मशीनरी’’ नामक एक पुस्तिका भी जारी की। तोमर ने कहा, ‘‘सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को स्वीकार किया गया है। …कृषि की लागत कम करने और कीटनाशकों...

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पी.वी. सतीश : लीक से हटकर लकीर खींचने वाले शख्स

बिना शोरगुल मचाए उसने काम किया। न काम का श्रेय लिया; बस अपने हिस्से का काम किया। और एक दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका जाना भी खामोशी की तहों में छिप गया। लेकिन, पहले भी उनका काम बोल रहा था और आज भी उनका काम बोल रहा है।  पी.वी. सतीश; पेरियापटना वेंकटसुब्बैया सतीश। आपकी पैदाइश सन् 1945 के जून महीने की है। जन्म, कर्नाटक के मैसूर जिले के खाते–पीते...

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बंजर होता भारत -एक: 30 प्रतिशत जमीन पर नहीं उग रहा अनाज का एक भी दाना

डाउन टू अर्थ, 12 अप्रैल हर साल मॉनसून के दौरान हेमंत वामन चौरे को एक विकट समस्या का सामना करना पड़ता है। एक तरफ वह चाहते हैं कि बारिश आए, ताकि उनकी फसलों को पानी मिल सके। लेकिन, दूसरी तरफ वह इससे डरे हुए भी रहते हैं क्योंकि बरसात की रिमझिम फुहार भर से उनके खेतों में लगी पौध बर्बाद हो सकती है। महाराष्ट्र के धुले जिले में स्थित सकरी ब्लॉक...

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