द वायर, 15 फरवरी श्रम और रोजगार मंत्रालय ने सोमवार (14 फरवरी) को एक सवाल के जवाब में लोकसभा को बताया कि 2019 और 2021 के बीच देश भर में आत्महत्या से मरने वाले लोगों की सबसे बड़ी श्रेणी दैनिक वेतन भोगी (दिहाड़ी) लोगों की है. आत्महत्या के मामले में दूसरी सबसे बड़ी श्रेणी गृहिणियों की है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के डेटा के मुताबिक, स्व-नियोजित व्यक्तियों, बेरोजगारों और छात्रों की...
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खंडवा की जेल में जैविक खेती कर रहे बंदी, 50 किलो टमाटर का उत्पादन
नई दुनिया, 13 जनवरी जो हाथ कभी अपराध करने के लिए उठे थे, उन्हीं हाथों में कुदाली व फावड़ा है। जेल में रहकर बंदी खेती कर रहे हैं। यहां जैविक खेती की जा रही है। कम जगह में विकट परिस्थितियों के बीच जेल प्रशासन ने कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह प्रयास किया है ताकि जब वे यहां से बाहर जाए तो उनके पास एक हुनर हो। जेल में गोभी,...
More »कार्बन ऑफ़सेट: सावधानीपूर्वक प्रयोग से हो सकती है उत्सर्जन में कमी, लेकिन सुधार हैं जरूरी
कार्बनकॉपी, 18 दिसंबर मध्य युग में सामाजिक और सांस्कृतिक सीमाओं के उल्लंघन की घटनाएं अचानक तेज हो गईं। तत्कालीन सुधारवादियों ने समाज में फैली इस नैतिक अधमता के लिए कैथोलिक चर्च द्वारा बेचे जाने वाले ‘लेटर ऑफ़ इंडलजेंस’, या क्षमा-पत्रों को ज़िम्मेदार ठहराया। यह पत्र पैसे या दान देकर चर्च से खरीदे जा सकते थे और कहा जाता था कि इन पत्रों के धारकों के सभी पाप धुल जाएंगे। इस तरह...
More »बंगाल: आरटीआई ने बताया 122 किसानों ने आत्महत्या की, सरकार के रिकॉर्ड में
द वायर, 13 सितम्बर सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से खुलासा हुआ है कि पश्चिम बंगाल के एक जिले में किसानों और कृषि कार्यों से जुड़े 122 लोगों की मौत आत्महत्या से हुई है. द हिंदू ने इस संबंध में अपनी एक रिपोर्ट में जानकारी दी है. यह आंकड़ा राज्य सरकार और हालिया जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के विपरीत है. दोनों ने ही अपने आंकड़ों में कृषि...
More »असम में 2021 के दौरान अपराध के मामलों में 10% इजाफा : NCRB
एनडीटीवी इंडिया, 31 अगस्त अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में असम में अपराध के मामलों की संख्या लगभग 10 प्रतिशत बढ़कर 1.33 लाख से अधिक हो गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि असम में पिछले साल अपराध के 1,33,239 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2020 में 1,21,609 मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से 1,19,883 मामले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के अपराध थे. यह...
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