SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1370

झरिया: कभी हरे भरे थे पहाड़, आज धधकती आग और सुनसान खदानों के साए में रह रहे हैं लोग

डाउन तू अर्थ, 9 जून एक बार फिर झारखंड का झरिया चर्चा में है। यहां खदान में चाल धंसने के कारण दो लोगों की मौत हो गई। आखिर झरिया क्यों लोगों की कब्रगाह बनता जा रहा है। इस रिपोर्ट से समझें-  भारत के पूर्वी राज्य झारखंड का झरिया क्षेत्र कभी हरे-भरे पहाड़ों से घिरा था। कभी इस क्षेत्र में जिंदगी खुशहाल थी। लेकिन आज लोग यहां सुनसान खदानों और धधकती आगे के...

More »

भारत में 51 वर्षों के दौरान चरम मौसम से जुड़ी 573 आपदाओं में 138,377 लोगों ने अपनी जान गंवाई

डाउन टू अर्थ, 23 मई  विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने पिछले 51 वर्षों का आंकड़ा जारी करते हुए जानकारी दी है कि 1970 से 2021 के बीच भारत में जलवायु से जुड़ी 573 चरम आपदाएं जैसे बाढ़, सूखा, तूफान, लू, भीषण गर्मी, भूस्खलन और दावाग्नि की वजह से 138,377 लोगों ने अपनी गंवाई है।  डब्ल्यूएमओ द्वारा यह जानकारी हर चार वर्षों में होने वाली विश्व मौसम विज्ञान कांग्रेस में जारी किए...

More »

वैश्विक अर्थव्यवस्था को 248 लाख करोड़ का नुकसान पहुंचा सकता है 2023 में बनने वाला अल नीनो

डाउन तू अर्थ , 20 मई वैज्ञानिकों के मुताबिक 2023 में बनने वाली अल नीनो की घटना न केवल इस साल नुकसान पहुंचाएगी, बल्कि साथ ही इसका प्रभाव 2029 तक दर्ज किया जाएगा। रिसर्च से पता चला है कि इस अल नीनो के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2029 तक 247.97 लाख करोड़ रुपए (तीन लाख करोड़ डॉलर) तक  का नुकसान हो सकता है। इतना ही नहीं यदि वैश्विक उत्सर्जन परिदृश्य को देखें...

More »

एनएमएमएस ऐप और आधार-आधारित भुगतान प्रणाली से मनरेगा श्रमिकों के भुगतान में देरी: रिपोर्ट

द वायर, 14 मई  किसी देश को डिजिटल रूप से बदलने की इच्छा के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे की जरूरत होती है. हालांकि, भारत में ऐसा होता प्रतीत नहीं हो रहा है, विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में, क्योंकि कई मनरेगा श्रमिकों ने अपनी मासिक मजदूरी मिलने में देरी होने की सूचना दी है. जहां केंद्र सरकार डिजिटल अर्थव्यवस्था पर जोर दे रही है, वहीं पर्याप्त बैंकिंग बुनियादी ढांचे की कमी और...

More »

जलवायु परिवर्तन से जंग की आड़ में वैश्विक व्यापार में असमानता को बढ़ा रहे विकसित देश: सीएसई

डाउन टू अर्थ, 2 मार्च जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई की आड़ में अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसी दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्तियां मुक्त व्यापार का दामन छोड़ रही हैं। बड़े पैमाने पर सब्सिडी और टैरिफ के साथ यह देश संरक्षणवाद की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन क्या जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जारी जंग और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को इससे फायदा होगा। इस बारे में नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close