किसी मनुष्य के व्यक्ति होने के लिए सबसे अहम बात है कि उसके देह और मन या आत्मा को दो फांक करके अलग न कर दिया जाये. देह और चित्त की एकाग्रता किसी मनुष्य को उसके अस्तित्व और गरिमा के एहसास के लिए बेहद जरूरी है. एक ऐसे मनुष्य की कल्पना कीजिए, जिसके पास एक मन है, जिसे मारते रहना है और एक देह है, जिसके बारे में हर निर्देश...
More »SEARCH RESULT
रामवृक्ष को आरटीआई के तहत चाहिए थी राष्ट्रपति के आईडी की प्रति
मथुरा के जवाहर बाग पर कब्जा जमा कर बैठने वाले रामवृक्ष यादव का न केवल अजीबोगरीब एजेंडा था बल्कि वह सूचना के अधिकार केतहत भी अजीबोगरीब जानकारी भी हासिल करना चाहता था। ऐसी ही एक जानकारी उसने मांगी थी कि क्या भारत के प्रथम नागरिक(राष्ट्रपति) को कोई पहचान पत्र(आईडी) जारी किया जाता है। रामवृक्ष यादव ने आईडी की सत्यापित प्रति सहित अन्य दस्तावेज मुहैया कराने की गुहार की थी। गत...
More »किसानों के अनुभव : समाज को निबटना होगा सूखे से, सरकार के भरोसे नहीं
लगातार दो कमजोर मॉनसून और लापरवाह जल-प्रबंधन के कारण देश में सूखे का संकट उत्तरोत्तर गंभीर होता जा रहा है. देश की करीब आधी आबादी सूखा और जल-संकट की चपेट में है. कई इलाकों में तो दो साल से अधिक समय से यह स्थिति व्याप्त है. अत्यंत गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. सरकारी तंत्र इस विपदा से निबटने में न सिर्फ...
More »बिहार की 800 एकड़ सरकारी जमीन पर दबंगों का कब्जा
पटना : बिहार में भू माफियाओं द्वारा सैकड़ों एकड़ गोशाला की जमीन को अवैध रूप से कब्जा करने का मामला सामने आया है. इतना ही नहीं इस मामले में पटना हाइकोर्ट द्वारा राज्य सरकार को आदेश निर्गत करने के बाद भी बिहार सरकार जमीन को अतिक्रमण से मुक्त नहीं करा पा रही है. विधान परिषद में बीजेपी के पूर्णिया, अररिया और किशनगंज से विधान पार्षद डॉ. दिलीप जयसवाल ने सरकार...
More »चेन्नई बाढ़ : एक मानव निर्मित त्रासदी
चेन्नई की बाढ़ जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों का एक भयावह उदाहरण तो है ही, इससे हुई तबाही ने मानव समाज की खतरनाक गलतियों के नतीजों को भी रेखांकित किया है. हाल के वर्षों में उत्तराखंड, कश्मीर समेत देश के विभिन्न इलाकों में बाढ़ की त्रासदी का कहर लगातार बढ़ा है. तेज शहरीकरण और विकास की आपाधापी में सरकार और समाज प्राकृतिक तंत्रों को बेतहाशा बरबाद कर रहे हैं. नदियां...
More »