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भारत की शिक्षा व्यवस्था पर 'असर' ने क्या असर डाला ?

औपचारिक शिक्षा के महत्त्व को देखते हुए अधिकांश अभिभावक-गण अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं। बच्चों के लिए स्कूल ढूँढते हैं, बस्ता खरीदते हैं, पेन- पेन्सिल, कॉपी-किताब खरीदते हैं, स्कूल की पोशाक खरीदते हैं। तमाम सरकारों की भी यही कोशिश रही कि बच्चे स्कूल जाएँ। सरकारों ने विद्यालयों का निर्माण करवाया, शिक्षकों की नियुक्ति की और ज़रूरी सुविधाएँ उपलब्ध करवाई। पिछले कई दशकों में ऐसे कई कदम उठाए गए...

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कॉप28: जीवाश्म ईंधन खत्म करने का प्रस्ताव, लेकिन नीयत पर संदेह

कार्बन कॉपी, 27 दिसम्बर  लंबी खींचतान के बाद आखिरकार दुबई वार्ता में एक नये क्लाइमेट प्रस्ताव पर सहमति हो गई लेकिन इसमें जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को खत्म करने या भारी कटौती के लिए कड़े प्रावधानों का अभाव है। अमीर और विकसित देशों ने “ट्रांजिशन फ्यूल” के नाम तेल और गैस के प्रयोग का रास्ता खुला रखा है। इसमें मिटिगेशन (ग्रीन हाउस गैसों को कम करने के उपाय) के लिये कार्बन...

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तम‍िलनाडु: बदलते मौसम का असर, पारंपर‍िक धान की खेती से दूर जा रहे क‍िसान

इण्डियास्पेंड, 20 दिसम्बर  तमिलनाडु के ज‍िला तंजावुर की पंचायत ओझुगासेरी में रहने वाले दिनेश पांडीदुरई और उनके जैसे कई अन्य किसानों ने गर्मी ने लगने वाली धान की क‍िस्‍म सांबा ना लगाने का फैसला किया है। लंबे समय तक ज्‍यादा गर्मी और उसके बाद मानसून सीजन में अच्‍छी बार‍िश ना होने की वजह से इस क्षेत्र का भूजल सूख गया है। पानी की द‍िक्‍कत उन खेतों में भी है जो कोल्लीडैम नदी...

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हर साल वातावरण में प्रवेश कर रही 200 करोड़ टन धूल और रेत, चौथाई के लिए जिम्मेवार इंसानी गतिविधियां

डाउन टू अर्थ, 17 नवम्बर हवा में मौजूद जिस धूल और रेत को हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, वो अपने आप में एक बड़ी समस्या बन चुकी है। यूएनसीसीडी रिपोर्ट से पता चला है कि हर साल 200 करोड़ टन धूल और रेत हमारे वातावरण में प्रवेश कर रही है। तादाद में यह कितनी ज्यादा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस धूल और रेत...

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डीपीसीसी ने कहा निष्प्रभावी हैं स्मॉग टावर, दिल्ली कवर करने के लिए 40 हजार से अधिक टावर की जरूरत

डाउन टू अर्थ, 17 नवम्बर दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयोग के तौर पर लगाए गए स्मॉग टॉवर का कोई असर नहीं दिख रहा है। दिल्ली अब भी वायु प्रदूषण को कम करने के लिए मौसमी कारकों पर निर्भर है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में दाखिल अपने हलफनामे में कहा है कि कनॉट प्लेस व आनंद विहार के पास संचालित स्मॉग...

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