दार्जीलिंग की सड़कों पर अंगरेजी और नेपाली में लगाये जा रहे हैं- 'वी वांट गोरखालैंड. गोरखालैंड-गोरखालैंड. गोरखालैंड चाहिन छ. चाहिन छ-चाहिन छ. हामरौ मांग गोरखालैंड.' इन्हीं नारों के बीच पश्चिम बंगाल इन दिनों गोरखालैंड की आग में जल रहा है. दरअसल, इस हिंसा और आगजनी के पीछे भाषाई राज्य की कल्पना है जिसने एक आंदोलन का रूप ले लिया है. पिछले सौ वर्षों से जारी गोरखालैंड की मांग को खुद...
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किसान आंदोलन: आक्रोश से क्यों उबल रहा है अन्नदाता?
पथरायी आंखों से आकाश की तरफ टकटकी लगाकर देखता किसान और उसके पैरों के नीचे पानी को तरस में टुकड़े-टुकड़े होती जमीन! याद कीजिए कि किसानों की निरीहता की सूचना देती यह तस्वीर आपके जेहन में कितने सालों से दर्ज है? किसानी की यह तस्वीर आपकी आंखों के आगे कुछ और तस्वीरों को नुमायां करेगी. और बहुत मुमकिन है कि नुमायां होने वाली यह तस्वीर अपने खेत में लगे किसी पेड़...
More »मंदसौर हिंसाः देवास में भी आगजनी, 4 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद
मध्य प्रदेश में कर्ज माफी और फसलों की उचित कीमत मांगने को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। यहां कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दिये गए हैं। जिन जिलों के मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद किये गए हैं उनके नाम रतलाम,नीमच, मंदसौर और उज्जैन हैं। इसके अलावा कई जगह गाड़ियों में आग लगा हाईवे बंदकर दिया गया है। बता दें कि कथित रूप से पुलिस फायरिंग...
More »भूख में तनी हुई मुट्ठी का नाम...-- रविभूषण
धूमिल (9 नवंबर 1936-10 फरवरी 1975) ने लिखा था, 'भूख से रियाती हुई फैली हथेली का नाम दया है, और भूख में तनी मुट्ठी का नाम नक्सलबाड़ी है' (नक्सलबाड़ी कविता, संसद से सड़क तक, 1972 में संकलित). बाद में नागार्जुन ने अपनी एक कविता में यह सवाल किया, 'भुक्खड़ के हाथों में यह बंदूक कहां से आई?' भारतीय राजनीति पर फरवरी 1967 के लोकसभा चुनाव का रैडिकल प्रभाव पड़ा. पश्चिम...
More »अब भी पूछा जाता है- बस्तर में रमन की चलती है या रमन्ना की
रायपुर । सुकमा के बुरकापाल में नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवानों की शहादत इस साल की तीसरी बड़ी घटना है। छत्तीसगढ़ में पिछले डेढ़ दशक से राजनीतिक स्थिरता है। एक ही पार्टी की सरकार है, एक ही मुखिया हैं। हालांकि राज्य बनने के बाद से प्रदेश का चौतरफा विकास हुआ है जो नक्सल इलाकों में और भी स्पष्ट दिखता है। इसके बावजूद आज भी यह सवाल पूछा जाता...
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