SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 54

बंगाल में लोकतंत्र का मखौल-- प्रसेनजीत बोस

पश्चिम बंगाल का मौजूदा पंचायत चुनाव पूरी तरह से लोकतंत्र के साथ घटिया मजाक है. फिलहाल राज्य में पंचायत के पदों की संख्या करीब 48 हजार है. साल 1978 से हर पांच वर्ष पर राज्य में पंचायत के चुनाव हो रहे हैं. उस समय से दो बार- 2003 में वाम मोर्चे की सरकार और 2013 में तृणमूल कांग्रेस की सरकार के तहत- सबसे ज्यादा निर्विरोध उम्मीदवार चुने गये थे....

More »

छत्तीसगढ़ : एसटी और अल्पसंख्यक को लोन देने का लक्ष्य शून्य

मधुकर दुबे, रायपुर। रायपुर अंत्यावसायी सहकारी वित्त निगम को इस वित्तीय वर्ष 2017- 18 में एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग को लोन देने की शासन ने हरी झंडी नहीं दी। इसके निर्धारण में अधिकृत रूप से आदिम विकास वित्त विभाग को निर्णय लिया जाना था, लेकिन विभागीय उच्चाधिकारी की दलील है कि लोन मिलेगा। वहीं अंत्यावसायी विभाग के अफसर इस बार हितग्राहियों की संख्या लक्ष्य में शून्य दर्शाया है। इसके साथ ये...

More »

बस्तर : गांवों से मूलभूत सुविधाएं दूर, लेकिन शिक्षा से बदलेगी तस्वीर

मोहम्मद इमरान खान, बस्तर। प्रदेश के आदिवासी बहुल बस्तर संभाग के विकास के लिए प्रदेश से लेकर दिल्ली तक की सरकार योजनाएं बनाकर अधोसंरचना विकास और मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने पर काम कर रही है। इस संभाग का नारायणपुर जिला ऐसा है, जहां मुख्यालय तक विकास सिमटकर रह गया है। घोषणाएं तो जिले के दूसरे गांवों के लिए भी हुईं, लेकिन आज तक ग्रामीण विकास की राह ताक रहे हैं।...

More »

जहरीला होता जमीन का पानी-- पंकज चतुर्वेदी

जमीन में पानी का अकूत भंडार है। यह पानी का सर्वसुलभ और स्वच्छ स्रोत है। लेकिन यदि एक बार दूषित हो जाए तो इसका परिष्करण लगभग असंभव होता है। भारत में जनसंख्या बढ़ने के साथ घरेलू इस्तेमाल, खेती और औद्योगिक उपयोग के लिए भूगर्भ जल पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। जमीन से पानी निकालने की प्रक्रिया ने भूजल को खतरनाक स्तर तक जहरीला बना दिया है। इसके लिए समाज...

More »

कितने दाना मांझी-- रघु ठाकुर

मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के आदिवासी बहुल करहल प्रखंड में कुपोषण के चलते बीते बारह सितंबर तक उन्नीस बच्चे मौत के शिकार हो चुके थे, लगभग सौ बच्चे बीमार थे, जिनमें छत्तीस बच्चे अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। हो सकता है कि इसे बाकी खबरों की तरह एक सामान्य खबर मान कर लोग आगे बढ़ जाएं। लेकिन मेरे दिमाग में वह व्यवस्था घूम रही थी, जिसके जटिल तंत्र की...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close