"मूविंग अपस्ट्रीम: लूनी" कार्यक्रम वेदितम इंडिया फाउंडेशन के मूविंग अपस्ट्रीम फेलोशिप कार्यक्रम का एक हिस्सा है। वेदितम इंडिया फाउंडेशन, आउट ऑफ ईडन वॉक के साथ साझेदारी में हैं। लूनी कार्यक्रम के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के साथ साझेदारी की है और यह प्रयास A4Store और आउट ऑफ ईडन वॉक द्वारा समर्थित है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नदी और उसके आसपास के जीवन का दस्तावेजीकरण करना...
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सौर ऊर्जा वाले करघों से बदल रही है भारत के रेशम बुनकरों की ज़िंदगी
द थर्ड पोल , 27 सितम्बर असम के कोकराझार जिले के भौरागवाजा गांव में बुधरी गोयारी, अपने आंगन में ‘एरी’ रेशम के कोकून की रीलिंग में व्यस्त हैं। रेशम के कोकून के अपने कंटेनर के पास, गोयारी, सौर ऊर्जा से चलने वाली रीलिंग मशीन के साथ बैठी हैं। बोडो जनजाति की गोयारी, भारत के आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों की उन 20,000 महिलाओं में से एक हैं, जिनके पास दिल्ली स्थित एक सामाजिक...
More »ग्रीन क्रेडिट से पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन, लेकिन चाहिए मजबूत नियामक तंत्र
मोंगाबे हिंदी, 23 अगस्त केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने टिकाऊ विकास और पर्यावरण संरक्षण को आगे बढ़ाने के लिए “ग्रीन क्रेडिट” स्कीम का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत व्यक्ति, संगठन और उद्योग पर्यावरण के लिए फायदेमंद मानी जाने वाली स्वैच्छिक गतिविधियों के लिए ग्रीन क्रेडिट पा सकते हैं। लेकिन जानकारों ने चेतावनी दी है कि उचित निगरानी या मजबूत नियामक तंत्र के बिना, यह योजना ग्रीनवॉशिंग (पर्यावरण को बचाने से जुड़े...
More »राष्ट्रीय विद्युत योजना: अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ने का अनुमान, कोयले पर निर्भरता रहेगी जारी
मोंगाबे हिंदी, 23 अगस्त भारत की राष्ट्रीय विद्युत योजना (एनईपी) के अनुमान के अनुसार, देश साल 2026-27 तक अपनी कुल ऊर्जा क्षमता का लगभग 55% स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल कर लेगा। यदि यह लक्ष्य पूरा हो जाता है, तो भारत जलवायु शमन के स्वैच्छिक लक्ष्य, नेशनली डिटरमाइंड कॉन्ट्रिब्यूशन (एनडीसी) या राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान को साल 2030 की समय सीमा से पहले हासिल कर लेगा। देश ने अपने संशोधित...
More »आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की जांच करती आरबीआई की रिपोर्ट
मोंगाबे हिंदी, 10 अगस्त भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2022-23 के लिए मुद्रा और वित्त रिपोर्ट (आरसीएफ) में मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दिया है। यह भारत में केंद्रीय बैंकिंग और व्यापक आर्थिक मुद्दों से संबंधित समसामयिक मुद्दों पर एक थीम-आधारित वार्षिक रिपोर्ट है। इस साल की रिपोर्ट नीतिगत प्राथमिकता के रूप में जलवायु लक्ष्यों पर जोर देती है और भारत के लिए जलवायु परिवर्तन के संभावित व्यापक-वित्तीय परिणामों...
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