प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में डायलिसिस मशीन तय तारीख (26 जनवरी) पर शुरू नहीं हो पाई। कुछ जिलों में मशीन इंस्टॉल करने के लिए कंपनी की ओर से इंजीनियर नहीं पहुंचे तो कुछ जगह अस्पताल प्रबंधन ही मशीन शुरू कराने के लिए जरूरी इंतजाम नहीं कर पाया। ऐसे में जनप्रतिनिधियों ने 26 जनवरी को बंद मशीनों का ही लोकार्पण कर दिया। खासबात यह है कि सभी अस्पतालों को मशीनें...
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उत्तर प्रदेश में भुखमरी का जिम्मेदार कौन?-- ज्यां द्रेज
बुंदेलखंड, या कहें कि यूपी वाले बुंदेलखंड से आ रही खबरें बहुत डरावनी हैं. योगेंद्र यादव के नेतृत्व में स्वराज अभियान के तहत कराए गए एक रैपिड सर्वे के साक्ष्य कहते हैं कि इलाका अकाल की दशा की तरफ बढ़ रहा है. मसलन, सर्वेक्षण में नमूने के तौर पर चुने गए 38 प्रतिशत गांवों में बीते आठ महीने में भुखमरी या कुपोषण से एक ना एक व्यक्ति की मौत हुई है. ग़रीब...
More »बिहार: 50 लाख परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन अप्रैल से
अगले दो सालों में बिहार के 50 लाख ग्रामीण परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देने की घोषणा बिहार सरकार ने की है। बिजली कंपनियों को इसके लिए लक्ष्य भी दे दिया गया है। चुनावी मैदान में जाने के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों में से ये भी एक था। बीते दिनों उर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बिजली कंपनियों ने आज इसकी घोषणा की।...
More »एफआईआर से आरटीआई तक ग्राम्य जनजीवन - गोपालकृष्ण गांधी
अंग्रेजी के कुछ शब्द (या शब्दों के संक्षिप्त रूप) ऐसे हैं, जो भारत के दूर-देहात तक जड़ें जमा चुके हैं। यहां मैं डीएम, एसपी, बीडीओ जैसे अफसरों के पदों का उल्लेख नहीं कर रहा। ना ही मैं बस, ट्रेन, साइकिल जैसे सर्वसुलभ शब्दों की बात कर रहा हूं। मैं ऐसे शब्दों की बात कर रहा हूं, जो हमें आज के भारत के बारे में कुछ बताते हैं। इन्हीं में से...
More »खाद्य सुरक्षा: सुधर सकते हैं फिसड्डी राज्यों के भी हालात- ज्यां द्रेज, रीतिका खेड़ा
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) की दशा ठीक नहीं है। अधिनियम को लागू हुए दो साल होने को आये लेकिन कुछ ही राज्य इसपर अमल कर पाये हैं। बाकी राज्य अब भी पात्र परिवारों की पहचान, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के सुधार तथा अन्य तैयारियों से जूझ रहे हैं। तो भी, हाल के सबूतों से संकेत मिलते हैं कि कुछ राज्य अधिनियम को बेहतर ढंग से लागू कर पाये...
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