लेहमन ब्रदर्स के पतन की 10वीं वर्षगांठ पर उम्मीद के मुताबिक विचारों की बाढ़ दिखी है। गुणा-भाग इन सवालों पर हो रहे हैं कि इस संकट की वजह क्या थी? क्या बेहतर तरीके से इससे निपटा गया, और हमने इससे किस तरह के सबक सीखे? ज्यादातर लेखों की बुनियाद समान है, सिवाय एक को छोड़कर, जो पूरी तरह मूल विचार लग रहा है। इसे पेश किया है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष...
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मध्यप्रदेश: एक चौथाई डिफाल्टर किसानों ने नहीं ली ब्याजमाफी
भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में सरकार आने पर किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा क्या की, प्रदेश सरकार की आकर्षक ब्याज माफी योजना अपना आधा लक्ष्य भी तय नहीं कर सकी। साढ़े 16 लाख डिफाल्टर किसानों में से सिर्फ 3 लाख 75 हजार 291 किसानों ने योजना में शामिल होकर मूलधन जमा कराया। जबकि 8 लाख 14 हजार 877 किसानों ने योजना में हिस्सेदारी करने बाकायदा...
More »सुधारों से ही बदलेगी कृषि की तस्वीर - सीता
पिछले हफ्ते दो अलग-अलग राजनीतिक समूह यह दर्शाने की कोशिश करते नजर आए कि उन्हें वास्तव में किसानों के हितों की दूसरों से ज्यादा फिक्र है। इस संदर्भ में सबसे बड़ी घोषणा तो बेशक मोदी सरकार द्वारा खरीफ सीजन की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में डेढ़ गुने इजाफे को लेकर की गई। वहीं दूसरी ओर कर्नाटक की जद(एस) व कांग्रेस की साझा सरकार ने अपने पहले बजट...
More »चंपारण से निकला रास्ता- राजू पांडेय
चंपारण सत्याग्रह नील की खेती करने वाले किसानों के अधिकारों के लिए संगठित संघर्ष के रूप में विख्यात है। इसके एक सदी बाद भी देश का किसान बदहाल है। 2010-11 के आंकड़ों के अनुसार, देश के 67.04 प्रतिशत किसान परिवार सीमांत हैं जबकि 17.93 प्रतिशत कृषक परिवार लघु की श्रेणी में आते हैं। सरकार ने संसद को राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण द्वारा जुलाई 2012 से जून 2013 के संदर्भ में संकलित...
More »2011 से 2017 के बीच हुए कुछ बड़े बैंक घोटाले
देश के राष्ट्रीयकृत बैंकों में उद्योग लगाने या कारोबार के लिए कर्ज लेकर पचा डालने की परिपाटी बीते पांच साल में तेजी से बढ़ी है। पिछले वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा रकम लेकर लोगों ने नहीं चुकाई और कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल समेत कई जगह इस मामले में मुकदमे भी दायर किए गए हैं। अधिकांश मुकदमे कंपनी की दयनीय हालत के मद्देनजर कर्ज माफी या दिवालिया घोषित करने को लेकर हैं।...
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