स्कूल में दिया जाने वाला भोजन दुनिया भर में लाखों कमजोर बच्चों के लिए पोषण सुनिश्चित करता है. दुनिया भर में लगभग 37 करोड़ बच्चे स्कूल फीडिंग प्रोग्रामों का हिस्सा हैं. जबकि COVID-19 महामारी से पहले भारत में दोपहर में मिलने वाले मिड डे मील से 10 करोड़ स्कूली बच्चे लाभान्वित हुए थे, ब्राज़ील (4.8 करोड़), चीन (4.4 करोड़), दक्षिण अफ्रीका (90 लाख) और नाइजीरिया (90 लाख) जैसे देशों में...
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बाजार भरोसे खेती को छोड़ने के जोखिम
-दैनिक भास्कर, हम सबको चॉकलेट खाना पसंद है लेकिन अगली बार जब आप चॉकलेट का ग्रास लें तो यह याद करिएगा कि कोको की खेती करने वाले एक किसान की औसत दिहाड़ी उस मूल्य से भी कम है जो आपके हाथ में मध्यम आकार की चॉकलेट बार की होती है। पश्चिमी अफ्रीका के कोको किसान की दैनिक आय महज 100 रुपये (1.3 डॉलर) बैठती है! दुनिया में इस समय में जो 210...
More »पीडीएस से बाहर गरीब बच्चों में है कुपोषण का सबसे ज्यादा खतरा
-डाउन टू अर्थ, किसी देश का भविष्य कैसा होगा, यह उसके बच्चों के भविष्य पर निर्भर होता है। लेकिन जब विकास का आधार ही कुपोषित हो तो सोचिये वह देश के भविष्य में कितना योगदान देगा। क्या होगा, जब देश के लगभग 58 फीसदी नौनिहालों (6 से 23 माह के बच्चों) को पूरा आहार ही न मिलता हो और जब 79 फीसदी के भोजन में विविधता की कमी हो। कैसे पूरे...
More »कोरोना वायरसः क्या सामान्य ज़िंदगी जीने के दिन लौट आए?
-बीबीसी, सरकार और मीडिया क्या कोरोना वायरस को लेकर ज़रूरत से ज़्यादा गंभीरता दिखा रहे हैं? क्या अब हमें आगे एक सामान्य जीवन की ओर बढ़ जाना चाहिए? - ये बड़े सवाल हैं. अर्थव्यवस्था की बुरी हालत को देखते हुए इस पर कुछ गौर करने की ज़रूरत है. यहां कुछ सकारात्मक बातें करते हैं. इससे कोविड-19 ख़त्म हो चुका है- जैसी सोशल मीडिया पर आजकल खूब दिखने वाले वाली राय को प्रोत्साहित...
More »कुपोषण से जूझते राजस्थान में क्यों उम्मीद की किरण है सुपोषण वाटिका?
-गांव कनेक्शन, कुपोषण राजस्थान ही नहीं पूरे देश के लिए गंभीर समस्या है। इस मामले में राजस्थान असम और बिहार के बाद तीसरे नंबर पर है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार प्रदेश में 38.4% बच्चों का वजन औसत से कम है। 23.4 फीसदी बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर, 8.7% बच्चे अति कमजोर और 40.8 फीसदी बच्चे अविकसित हैं। 2011 जनगणना के अनुसार प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा बच्चे 0-6...
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