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बीते एक दिन में देश में कोविड-19 संक्रमण के 10,929 नए मामले और 392 मरीज़ों की मौत

-द वायर, भारत में शनिवार को कोविड-19 के 10,929 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,43,44,683 हो गई. वहीं,  पिछले 24 घंटों में संक्रमण से 392 और मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,60,265 हो गई. अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, इस बीच पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 24,91,35,593 हो गए...

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थकावट, सूंघने की क्षमता में कमी, फेफड़ों की दिक्कत- नई स्टडी में कोविड से लंबे समय तक रहने वाले 55 प्रभावों की हुई पहचान

-द प्रिंट, कोरोनावायरस पर मौजूदा अध्ययनों की समीक्षा करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड-19 के बाद इसके 55 ऐसे प्रभाव होते हैं जो लंबे समय तक शारीरिक कष्ट का कारण बनते हैं. बीमारी से उबरे लोगों में थकावट महसूस होना एक प्रमुख लक्षण है. जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित होने वाले एक अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने करीब 18,251 पब्लिकेशन को खंगाला और इनमें से 15 अध्ययनों को अंतिम विश्लेषण के लिए...

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कोविड-19 संक्रमण के बीते एक दिन में 39,070 नए मामले और 491 मरीज़ों की मौत

-द वायर, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 39,070 नए मामले सामने आने से संक्रमण के मामले बढ़कर 3,19,34,455 हो गए, जबकि 491 और लोगों के जान गंवाने से मृतक संख्या 4,27,862 हो गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों यानी सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 4,06,822 हुई, जो संक्रमण के कुल मामलों का 1.27 प्रतिशत है. कोरोना वायरस से...

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क्या तीसरी लहर से पहले खुल पाएंगे ग्रामीण PHC और CHC में लटके ताले?

-जनपथ, कोरोना की दूसरी लहर का सामना करने के बाद जिंदा बचा समाज खुद अपनी पीठ थपथपा रहा है। समाज और यूं कहें कि व्यक्तिगत तौर पर सुकून इस बात का है कि इस बार बच गये लेकिन भीतर खौफ ये कि अगर अगली बारी हमारी हुई तो क्या होगा? खौफ इस बात का है कि जिस सरकार को वोट देकर तख्त पर बिठाया है वो तो राजनीति में व्यस्त है।...

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कोरकू आदिवासी बहुल मेलघाट की पहाड़ियों पर कोरोना से ज्यादा कोरोना के टीके से दहशत!

-न्यूजक्लिक, अमरावती (महाराष्ट्र): "यहां यदि आप कोरोना के बारे में बातचीत करेंगे तो पता चलेगा कि लोग सरकारी अस्पताल जाने को तैयार नहीं हैं। कारण यह है कि लोगों को लगता है कि उन्होंने कोरोना का इलाज यदि सरकारी अस्पताल में कराया तो डॉक्टर उन्हें जिला अस्पताल अमरावती भेज देंगे, जहां उनका कोई इलाज नहीं होगा और वहां उन्हें बीमार रखे-रखे मार दिया जाएगा। फिर मौत के बाद उनकी लाश तक घर...

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