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कोविड के कारण 7.1 करोड़ लोगों को गरीबी ने घेरा, वर्ल्ड बैंक ने कहा-1/3 गरीब भारत में बढ़े

दिप्रिंट, 07 अक्टूबर विश्व बैंक की एक नई रिपोर्ट बताती है कि कोविड-19 महामारी ने विश्व स्तर पर और भारत के भीतर गरीबों की संख्या में गिरावट की स्थिति को उलटकर रख दिया है. और 2020 में भारत में गरीबों की संख्या 2.3 करोड़ से 5.6 करोड़ के बीच बढ़ी है, जो कि इसका अनुमान लगाने की अलग-अलग पद्धति पर निर्भर करता है. वैश्विक स्तर पर गरीबी में वृद्धि 1998 के बाद...

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भारत के नागरिकों की खाद्य सुरक्षा- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और एक देश एक राशन कार्ड योजना- की पड़ताल!

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 44,762 करोड़ रूपए की अतिरिक्त धनराशी के साथ तीन माह के लिए और बढ़ा दिया गया है. यह योजना 1 अक्टूबर, 2022 से 31 दिसम्बर, 2022 तक की अवधि तक यथावत रहेगी. यह योजना का सातवा चरण है. सातवें चरण तक योजना का कुल खर्च 3.45 लाख करोड़ रूपए से बढ़कर 3.91 लाख करोड़ रूपए हो जाएगा. कोविड महामारी के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों की...

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11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोई नेत्र बैंक नहीं है: आरटीआई

द वायर, 5 अक्टूबर  गोवा और जम्मू कश्मीर समेत 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अभी तक कोई नेत्र बैंक नहीं है. आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि अकेले ऐसे बैंकों का होना उद्देश्य की पूर्ति नहीं करता है क्योंकि विशेष रूप से कोविड-19 महामारी को देखते हुए नेत्र दाताओं की मांग में वृद्धि हुई है. मध्य प्रदेश के एक सामाजिक कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौड़...

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कोविड-19: देश में संक्रमण के 4,043 नए मामले सामने आए, 15 मरीज़ों की मौत

द वायर, 20 सितम्बर भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 4,043 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 4,45,43,089 हो गई, जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 47,379 है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को सुबह आठ बजे जारी अपडेटेड आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण से 15 और मरीजों की मौत होने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,28,370 पर पहुंच गई...

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कोविड: दूसरी लहर में सरकार ने समय पर कार्रवाई की होती तो कई जानें बच सकती थीं- संसदीय समिति

द वायर, 15 सितम्बर कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान यदि रोकथाम रणनीतियों को समय पर लागू किया जाता तो अनेक लोगों की जान बचाई जा सकती थी. स्वास्थ्य मामलों से संबंधित एक संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही. इसके साथ ही समिति ने हालात की गंभीरता का अंदाजा नहीं लगा पाने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पहली लहर के बाद जब देश में...

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