-न्यूजलॉन्ड्री, “कोविड की दूसरी लहर से पहले नवंबर-दिसंबर तक असम के कई जिलों में एएसएफ के मामले जीरो तक पहुंच गए थे, हम इस पर लगभग नियंत्रण पा चुके थे. लेकिन ऐसा लगता है कि राज्यों ने बीमार या संक्रमित जानवरों को छांटकर अलग करने या हटाने (कलिंग) के ऑपरेशन को ठीक तरीके से अंजाम नहीं दिया. यह कमी रह गई जिसके कारण शायद यह दोबारा उभरा. कलिंग एक बड़ी चुनौती...
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कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने कई देशों में मचाई खलबली, ऑस्ट्रेलिया, रूस और बांग्लादेश में नई पाबंदियाँ
-बीबीसी, भारत में धीरे-धीरे कई शहरों के अनलॉक होने की प्रक्रिया शुरू हो रही है. दिल्ली में सोमवार से जिम, योगा सेंटर और बैंक्वेट हॉल खोलने की सशर्त इज़ाज़त मिल गई है. हरियाणा सरकार ने भी कुछ पाबांदियों के साथ अपने लोगों को सोमवार से थोड़ी राहत देने का ऐलान किया. जानकार भारत में तीसरी लहर आने की चेतावनी देते हुए मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिग का पालन करने की सलाह दे...
More »किसका दुखड़ा रोऊं!
-आउटलुक, “इंसाफ के बहाने कामयाब बिक्री का कारनामा सुशांत की गर्ल फ्रेंड रिया चक्रवर्ती को मुख्य संदिग्ध साबित करने पर उतर आया” प्रतिभा के धनी बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को दुनिया से विदा हुए साल भर बीत गए। पिछले साल लगभग तभी वह मीडिया ट्रॉयल भी शुरू हुआ था, जो इंसाफ की मुहिम के नाम पर बड़ी चालाकी से देश में अजीबोगरीब लहर पैदा कर रहा था। यह कहना तो निहायत...
More »बीजेपी के नेताओं का केंद्रीय विषय मुसलमान विरोधी नफ़रत क्यों है?
-सत्यहिंदी, ध्रुवीकरण को भी रोजाना का अभ्यास बनाना पड़ता है। उसे रोज़मर्रा की भाषा में इस कदर शामिल कर दिया जाता है कि वह समाज का स्वभाव बन जाए। इसलिए मसला मात्र चुनाव में अपने लिए येन केन प्रकारेण वोटर बनाने का नहीं है। हमारे बहुत सारे मित्र इस तरह के बयानों को बहुत तवज्जो नहीं देने की सलाह देते हैं। इस स्तंभ की ज्यादातर कड़ियों का विषय मुसलमान विरोधी हिंसा रहा...
More »विश्व पर्यावरण दिवस 2021: महामारी में पर्यावरण की फिक्र
-डाउन टू अर्थ, महामारी के दौरान विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के बारे में सोचना भी मुश्किल है। अपार मानवीय पीड़ा और हानि के इस समय में पर्यावरण की आखिर क्या बिसात है? लेकिन आइए इस विषय में सोचने के लिए हम थोड़ा समय निकालें। पिछले एक महीने में हमें जिस चीज की कमी सर्वाधिक खली वह था ऑक्सीजन। आइए हम उन दिनों एवं घंटों के बारे में सोचें जो हमने अपने...
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